1140 मस्जिदों में से 950 को मिली लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति वहीं 2400 मंदिरों में से इजाजत केवल 24 को: मुंबई पुलिस

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो साभार: वन इंडिया)

महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा और अजान को लेकर जारी विवाद के बीच बुधवार (4 मई 2022) को कहा कि मुंबई में 2400 मंदिर हैं, जिनमें से केवल 24 ने ही लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने की इजाजत प्राप्त की है। जबकि, 1,140 मस्जिदों में से 950 को अधिकारियों से लाउडस्पीकर का उपयोग करने की मंजूरी मिली है।

एक अधिकारी के मुताबिक मुंबई पुलिस के पास जो आँकड़े उपलब्ध हैं, उसके अनुसार मुंबई में केवल 1% मंदिरों ने ही अपने परिसरों में लाउडस्पीकर बजाने के लिए इजाजत माँगी है। इसके अलावा चर्च, गुरुद्वारों, बुद्ध विहारों और प्रार्थनाघरों जैसे दूसरे पवित्र स्थलों द्वारा इस लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के आँकड़ों को पुलिस द्वारा अभी एकत्र किया जा रहा है। अधिकारी के मुताबिक, इन पूजा स्थलों के प्रबंधन को लाउडस्पीकर लगाने के लिए अनुमति लेने के लिए कहा जाएगा।

गौरतलब है कि मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की माँग के बीच बुधवार की शाम को मुंबई पुलिस के कमिश्नर संजय पांडे के कार्यालय में बैठक की गई थी। इस दौरान लाउड स्पीकर के उपयोग को लेकर चर्चा की गई थी। अधिकारी के मुताबिक, मंदिरों, मस्जिदों आदि पवित्र जगहों पर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे के दौरान सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को तहत बजाने को कहा गया है।

बैठक में शामिल उपनगरीय मुंबई के खरदंडा मंदिर के ट्रस्टी चिंतामणि नेवते ने कहा कि राजनेताओं को लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, “राजनेताओं को चुनाव के लिए ऐसे मुद्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।” दादर में एक जैन मंदिर के सचिव ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर डेसिबल की सीमा 50 निर्धारित की गई है। उन्होंने दावा किया कि घरों में इस्तेमाल होने वाले मिक्सर और ग्राइंडर का शोर इससे अधिक था।”

इस मसले पर मनसे चीफ राज ठाकरे ने कहा, “जहाँ तक ​​मुझे पता है, मुंबई में 1,140 से अधिक मस्जिदें हैं। इनमें से 135 मस्जिदों ने दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए सुबह 5 बजे अज़ान की। हम राज्य में शांति चाहते हैं। मैं पुलिस से पूछना चाहता हूँ कि आप केवल हमारे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। मेरा कहना है कि मस्जिदों से सभी अवैध लाउडस्पीकरों को हटा दिया जाना चाहिए, जब तक उन्हें हटा नहीं दिया जाता है, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया