‘Corona Virus’ को लेकर हम गंभीर, इलाज के लिए पर्याप्त इंतजाम: एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया

दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया फ़ाइल फ़ोटो

चीन में फैले कोरोना वायरस को लेकर भारत पहले ही सभी एयरपोर्ट्स को अलर्ट कर चुका है। इस अलर्ट के बाद चीन से आने वाले सभी यात्रियों की गहनता से जाँच की जा रही है। अब इसे लेकर दिल्ली एम्स के निदेशक का बयान आया है।

दिल्‍ली स्‍थित एम्‍स अस्‍पताल ने भी चीन से बाकी देशों में फैल रहे कोरोना वायरस से निपटने को लेकर तमाम इंतजाम उपलब्‍ध होने की बात कही है। अस्‍पताल के निदेशक डॉक्‍टर रणदीप गुलेरिया ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि ‘कोरोना वायरस’ के मरीजों के इलाज के लिए हमारे पास तमाम तरह की सुविधाएं हैं। इतना ही नहीं एम्‍स में हमने इसके लिए एक अलग से वार्ड भी तैयार किया है। वहीं इससे सुरक्षित रहने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को मास्क, हैंड सैनिटाइजर जैसी तमाम तरह की सुविधाएं भी उपलब्‍ध कराई गई हैं।

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वहीं कोरोना वायरस को लेकर एहतियात बरतने के लिए चीन से वापस लौटे दो लोगों की मुंबई में जाँच की जा रही है। इतना ही नहीं 19 जनवरी को सभी एयरपोर्ट्स पर जारी किए गए अलर्ट के बाद से तमाम यात्रियों की जाँच की जा रही है। दरअसल जाँच के लिए यात्रियों का थर्मल स्‍क्रीनिंग किया जाता है।

आपको बता दें कि चीन में कोरोना वायरस का कहर अभी जारी है। चीन के साथ दूसरे देशों में पहुँचा घातक कोरोना वायरस अब तक अकेले चीन में 25 लोगों की जान ले चुका है। इतना ही नहीं इस वायरस की चपेट में अब तक करीब 800 से अधिक लोग आ चुके हैं। वहीं कोरोना वायरस की भयावहता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चीन में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है।

गौर करने वाली बात यह है कि इसको लेकर अभी तक कई सारी जानकारियाँ सामने नहीं आ सकी हैं। यही कारण है कि वायरस तेजी से लोगों में फैल रहा है। इससे भी गंभीर बात यह कि अभी तक सीधे तौर पर कोरोना वायरस पर अटैक करने वाली कोई वैक्सीन मार्केट में नहीं आई है। भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की तरफ से कोरोना वायरस से बचने के उपाय जारी किए गए हैं। जब तक कोरोना वायरस का प्रकोप शांत नहीं हो जाता, जितना हो सके सी-फूड से दूर रहें, कहीं भी बाहर से आने या कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह साफ करें।

सिर्फ पानी से नहीं बल्कि साबुन या हैंडवॉश से धोएँ, अपने साथ हैंड सेनिटाइजर हमेशा रखें। जहाँ पानी से हाथ धोने की व्यवस्था ना हो, वहाँ इसका इस्तेमाल करें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज करने के बाद हाथ साफ किए बिना उन्हें अपने चेहरे और मुँह पर ना लगाएँ, बीमार लोगों की देखभाल के दौरान अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। अपनी नाक और मुँह को कवर करके रखें। उनके इस्तेमाल किए हुए बर्तन और कपड़ों का उपयोग करने से बचें।

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आपको बता दें कि इसका सबसे पहला मामला चीन के वुहान शहर में सामने आया था, जिसके चलते वर्ष 2002 और 2003 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी।


ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया