बंगाल में मिला था 81000 डेटोनेटर, 27000 Kg अमोनियम नाइट्रेट… 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट से हुआ था बेरुत धमाका, 200 किमी तक सुनाई पड़ी थी आवाज

बेरूत में हुए धमाके से दहल गया थी पूरी दुनिया (फोटो साभार: CW)

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने रविवार (2 अप्रैल 2023) को आतंकी गतिविधियों के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान मेराजुद्दीन अली खान और मीर मोहम्मद नुरुज्जमां के रूप में हुई है। इन लोगों ने इतने अधिक विस्फोटक जमा कर लिए थे कि साल 2020 में हुए बेरूत धमाके की दहशत को ताजा कर दिया था।

दरअसल, पश्चिम बंगाल एसटीएफ (West Bengal STF) ने जून 2022 में कोलकाता से एक टाटा सूमो कार सहित कई जगहों से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया था। इनमें 81,000 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 27000 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और 1625 किलोग्राम जिलेटिन छड़ें शामिल थीं।

आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं विस्फोटक की मात्रा बड़ा विषय…

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 81000 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर और 27000 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट का जखीरा मिलने का सीधा मतलब यह था कि देश में एक बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने की योजना बनाई गई थी।

इस विस्फोटक से यदि धमाका होता तो कोलकाता जैसा बड़ा शहर पूरी तरह से दहल जाता। यही नहीं, यदि किसी भीड़-भाड़ वाले इलाके में यह धमाका होता तो कई किलोमीटर तक लाशें बिछ जातीं और तबाही का मंजर लोगों को भूलाए नहीं भूलता।

इस मामले में अब तक कुल 4 संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई है। पहली गिरफ्तारी जून 2022 में ही हुई थी। जिस टाटा सूमो कार में डेटोनेटर ले जाया जा रहा था, उसके ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद सितंबर 2022 में मामला राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को सौंपा गया।

इसके बाद NIA ने इस साल की शुरुआत यानी जनवरी 2023 में रिंटू शेख नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इसके बाद अब मेराजुद्दीन अली खान और मीर मोहम्मद नुरुज्जमां की गिरफ्तारी हुई है। इन दोनों ने ही रिंटू शेख को विस्फोटक सप्लाई किए थे।

बेरूत की चर्चा क्यों…?

दरअसल, 4 अगस्त 2020 की तारीख लेबनान के इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज है। इस दिन राजधानी बेरूत के पोर्ट इलाके में हुए धमाके से 10 किलोमीटर के दायरे में तबाही मच गई थी। इस भीषण दुर्घटना का वीडियो भी सामने आया था। वीडियो में एक वेयरहाउस से धुँआ निकलते हुए देखा गया।

इसके बाद अचानक ही भयानक विस्फोट हुआ। इस धमाके की तीव्रता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इसकी गूँज करीब 200 किलोमीटर दूर तक सुनी गई थी। इस दुर्घटना में 218 लोग मारे गए थे। वहीं 6,000 से अधिक घायल हुए थे।

इस धमाके को लेकर लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल आउन ने कहा था कि बेरूत के पोर्ट इलाके में स्थित एक वेयरहाउस में 2750 टन (27,50,000 किलोग्राम) अमोनियम नाइट्रेट असुरक्षित रूप से रखा हुआ था। इसी अमोनियम नाइट्रेट की वजह से भीषण धमाका हुआ।

इस धमाके को लेकर अमेरिका के जियोलॉजिकल सर्वे के भूगर्भ वैज्ञानिकों ने कहा था कि यह धमाका 3.3 तीव्रता के भूकंप की तरह था। चूँकि यह धमाका पोर्ट इलाके यानी बंदरगाह क्षेत्र में हुआ था। जहाँ आमतौर पर लोगों की संख्या अधिक नहीं होती है, लेकिन यदि यह धमाका शहर के बीच में हुआ होता तो मरने वालों और घायलों की संख्या कहीं अधिक होती।

इसी तरह अमोनियम नाइट्रेट कई बड़े औद्योगिक हादसों से जुड़ा हुआ है। वर्ष 1947 में अमरीका के टेक्सस में 2000 टन रसायन ले जा रहे एक जहाज़ में धमाका हो गया था। इस धमाके के कारण 581 लोग मारे गए थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया