राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास नींदड गाँव में किसानों ने जमीन समाधि सत्याग्रह प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उन्होंने ये सत्याग्राह जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा उनकी भूमि के अधिग्रहण के प्रावधान के खिलाफ छेड़ा है। इसके तहत किसानों ने खुद को आधा जमीन में गाढ़ रखा है और अधिग्रहण प्रावधान पर मुआवजे की माँग कर रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें, इससे पहले जनवरी में भी इसी तरह का आँदोलन हुआ था। लेकिन आँदोलन शुरू होने के मात्र 4 दिन बाद उसे मान-मनौव्वल के जरिए स्थगित करवा दिया गया था। मगर, सोमवार से शुरू हुए इस सत्याग्रह में 51 किसान शामिल हैं। जिनमें 16 महिलाएँ और 35 पुरूष हैं और ये लोग किसी सरकार के अलावा किसी भी अन्य की बात को सुनने से इंकार कर रहे हैं।
किसानों की माँग है कि उन्हें 2014 में पारित भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा दिया जाए, जबकि जयपुर विकास प्राधिकारण इसके लिए तैयार नहीं है, क्योंकि भूमि अधिग्रहण पहले ही हो चुका था।
https://twitter.com/ANI/status/1234420153779138560?ref_src=twsrc%5Etfwदैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, संघर्ष समिति का नेतृत्व कर रहे नगेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि पिछले 50 दिन से हम सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने कोई फैसला नहीं किया। इसलिए हमें फिर से सत्याग्रह के लिए बाध्य होना पड़ा है। अब हम जयपुर विकास प्राधिकरण से कोई वार्ता नहीं करेंगे, क्योंकि मुख्यमंत्री स्वयं सार्वजनिक मंच से जयपुर विकास प्राधिकरण को भ्रष्ट विभाग बता चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द हमारी पीड़ा समझेगी और वार्ता करेगी, लेकिन हम अपना हक लिए बिना सत्याग्रह समाप्त नहीं करेंगे।
यहाँ बता दें कि राजस्थान में किसान काफी समय से भूमि अधिग्रहण की खिलाफत कर रहे हैं। मगर, सरकार की ओर से अभी तक किसानों की माँगों पर सुनवाई नहीं हुई। इस कारण सरकार के प्रति उनके मन में भारी रोष है और वह मुआवजे से भी संतुष्ट नहीं हैं। इसी कारण वह खुद को जमीन में आधा गाढ़ कर समाधि सत्याग्रह कर रहे हैं।