फर्जी मदरसे की आड़ में ₹58 लाख का घोटाला, जाँच में हुआ खुलासा

देशभर में मदरसों की स्थापना के लिए RSS ने कसी कमर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

सहारनपुर के अल्पसंख्यक विभाग में सरकारी पैसे की बंदरबांट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत के चलते मिर्जापुर के बादशाही इलाके में एक फर्जी मदरसा चलाया जा रहा था। जिसके नाम पर ₹58 लाख का घोटाला हुआ। पूरे मामले का खुलासा तहसीलदार की जाँच में हुआ है। इस रिपोर्ट को सहारनपुर के डीएम ने लखनऊ भेज दिया है।

मीडिया खबरों के मुताबिक कादरिया उल उलेमा एंग्लों नाम के फर्जी मदरसे की आड़ में अधिकारियों द्वारा किया गया ₹58 लाख का घोटाला सामने आया है। इस मदरसे में छात्रवृत्ति के नाम पर लाखों रुपए भेजे गए, लेकिन जब जाँच हुई तो इस नाम के किसी मदरसे की होने की पुष्टि नहीं हुई। ऐसे में सवाल उठा कि यदि मदरसा नहीं हैं तो छात्रवृत्ति के नाम पर आई राशि आखिर गई कहाँ?

इस मामले की शिकायत के बाद जाँच रिपोर्ट बेहट के तहसीलदार को सौंपी गई। रिपोर्ट में मदरसे के बारे में बताते हुए कहा गया कि रमजान में छुट्टियों के चलते बच्चे अपने घर गए हुए हैं। लेकिन महीने भर बाद जब विभागीय अधिकारी बदले तो मामले की फिर जाँच हुई। जिसके बाद मालूम पड़ा कि वाकई में इस नाम का कोई मदरसा नहीं हैं।

मदरसे के नाम पर हुए लाखों के घोटाले के कारण जिला प्रशासन में हलचल मची हुई है। इस मामले में डीएम का कहना है कि रिपोर्ट सरकार के पास भेज दी गई है। जाँच में जो भी विभागीय अधिकारी संलिप्त पाया जाएँगे उन पर सख्त कार्रवाई होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया