नाटक में माता सीता को सिगरेट फूँकते हुए दिखाया, वीडियो वायरल होने पर लोगों में गुस्सा: पुणे विश्वविद्यालय में ABVP ने दर्ज कराई FIR, कई गिरफ्तार

भगवान राम और माता सीता के अपमान पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन (फोटो साभार : PunekarNews)

भगवान राम और देवी सीता का मजाक उड़ाने वाले नाटक का मंचन करने विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया है। इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से शिकायत दी गई है। नाटक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके बाद से लोगों में गुस्सा है। इस मामले में पुलिस ने फैकल्टी और विद्यार्थियों को गिरफ्तार कर लिया है।

यह मामला सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (एसपीपीयू) का है। वहाँ शुक्रवार (1 फरवरी 2024) को भगवान राम और देवी सीता का मजाक उड़ाने वाले एक नाटक का मंचन किया गया। इन नाटक का नाम ‘जब वी मेट’ था। इसका मंचन ललित कला केंद्र के मंच पर किया गया। इसमें माता सीता को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने भगवान राम और माता सीता को अपमानजनक ढंग से दिखाने पर कड़ी आपत्ति जताई। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने नाटक रोक दिया और तीखी बहस शुरू हो गई। इस दौरान विवाद में दो छात्रों को चोटें भी आई हैं।

एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने रामायण और भगवान राम एवं माता सीता का मजाक उड़ाने वालों को जवाब दिया कि रामायण पौराणिक कथा नहीं, बल्कि इतिहास है। इसलिए भगवान राम और माता सीता का मजाक उड़ाने की अनुमति किसी को नहीं है।

इस अपमानजनक वीडियो में माता सीता का किरदार निभा रही छात्रा को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था। बताया जा रहा है कि ये वीडियो नाटक के रिहर्सल के दौरान का है। एबीवीपी पुणे ने एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के ललित कला केंद्र विभाग द्वारा प्रस्तुत नाटक में प्रभु श्रीराम और सीता माता को जोकरों की तरह दिखाया जा रहा था।”

एबीवीपी ने इस घटना के बारे में आगे बताया, “एबीवीपी पुणे महानगर के कार्यकर्ताओं ने इस आपत्तिजनक नाटक को रोक दिया। एबीवीपी पुणे ने यह रुख अपनाया है कि हिंदू देवी-देवताओं के बारे में ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।”

सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के सुरक्षा विभाग से जुड़े सुरेश भोंसले ने बताया, “हमें इस नाटक के मंचन से जुड़ी सूचना नहीं दी गई थी। इस घटनाक्रम के बाद हमें पता चला।” बहरहाल, इस मामले में दोनों ही पक्षों ने चतुहश्रुंगी पुलिस स्टेशन में शिकायत दी है। पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए हैं।

पुलिस का कहना है कि जाँच के बाद नाटक के आयोजकों के खिलाफ हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुँचाने का मामला दर्ज किया जाएगा। अब इस मामले में पुणे पुलिस ने ललित कला संकाय के प्रोफेसर और पाँच छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया