बलात्कार के आरोपित, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सांसद असुल राय ने आज (22 जून) वाराणसी की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने अतुल राय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जानकारी के अनुसार, अतुल राय ने वाराणसी के जेएम प्रथम की अदालत में आत्मसमर्पण किया। दरअसल, मई (2019) में यूपी कॉलेज की एक पूर्व छात्रा ने उन पर केस दर्ज करवाया था। छात्रा ने यह आरोप लगाया था कि अतुल राय ने उसे अपनी पत्नी से मिलाने के बहाने अपने आवास पर बुलाया था और फिर मौक़े का लाभ उठाते हुए उसने छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने इस बात का भी ख़ुलासा किया था कि अतुल राय ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी।
https://twitter.com/ANI/status/1142333075893788677?ref_src=twsrc%5Etfwख़बर के अनुसार, मामला दर्ज होने के बाद न्यायिक मैजिस्ट्रेट ने राय की गिरफ़्तारी के आदेश दे दिए थे। इसके बाद अंतरिम ज़मानत के लिए राय ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी, लेकिन वहाँ से भी उसे निराशा ही हाथ लगी। अतुल राय के ख़िलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया था। साथ ही देश भर के एयरपोर्ट में भी अलर्ट जारी किया गया था। आख़िरकार, उसे वाराणसी की अदालत में आत्मसमर्पण करना ही पड़ा।
अतुल राय लोकसभा चुनाव प्रचार के समय से ही लापता था। पिछले दिनों संसद में शपथ ग्रहण के दौरान भी अतुल राय वहाँ मौजूद नहीं था, इसलिए भी वो चर्चा का विषय बना हुआ था। बीएसपी सांसद राय ने घोसी क्षेत्र में कोई चुनाव प्रचार नहीं किया था, बावजूद इसके, उसने लोकसभा चुनाव में प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के हरिनारायण को एक लाख 22 हज़ार वोटों से हराया था। बता दें कि अतुल राय मतदान और रिज़ल्ट वाले दिन भी ग़ायब था।
जानकारी के अनुसार, अतुल राय ने वादा किया था कि वो जल्द ही जनता के समक्ष आएगा। उसने कहा था कि जनता की अदालत सबसे बड़ी अदालत होती है और जनता ने उसे निर्दोष करार दिया है। इसके अलावा उसने क़ानूनी दाँव-पेंच से जल्द मुक्त होने की बात भी कही थी। अतुल राय के आत्मसमर्पण के बाद बीजेपी ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधा था। आत्मसमर्पण न करने पर पुलिस ने अतुल राय की सम्पत्तियों को ज़ब्त करना शुरू कर दिया था।