कन्हैया लाल की तरह अमरावती के उमेश को किसने मारा: अब्दुल और शोएब की गिरफ्तारी, नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर हमले का दावा

उमेश कोल्हे (बाएँ- जिनकी हत्या की गई) महाराष्ट्र बीजेपी के नेता शिवराय कुलकर्णी (दाएँ)

महाराष्ट्र के अमरावती में रहने वाले एक केमिस्ट उमेश कोल्हे की 22 जून, 2022 को चार मुस्लिम हमलावरों ने हत्या कर दी थी। हत्या उस समय हुई थी जब वह उस रात अपनी फार्मेसी से लौट रहे थे। हालाँकि, हत्या के कारण अभी भी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी ने आरोप लगाया है कि उन्हें नुपुर शर्मा का समर्थन करने के लिए मारा गया था। कुलकर्णी ने दावा किया है कि पुलिस को इस बात की जाँच करनी चाहिए कि सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट को लेकर कोल्हे की हत्या तो नहीं की गई। यह एंगल इसलिए भी सामने आया है क्योंकि कल मंगलवार (28 जून, 2022) को उदयपुर में कन्हैयालाल की गला रेतकर हत्या महज एक व्हॉट्सपप्प स्टेटस के आधार पर कर दी गई।

क्या है मामला

महाराष्ट्र के अमरावती में ‘अमित मेडिकल’ के नाम से फार्मेसी चलाने वाले 54 वर्षीय केमिस्ट उमेश कोल्हे 22 जून की रात अपने बेटे संकेत और बहू वैष्णवी के साथ अलग-अलग बाइक से घर जा रहे थे तभी हमलावरों ने कोल्हे की गर्दन पर पीछे से चाकू से हमला कर दिया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए और भारी खून बहने से कोल्हे की मौके पर ही मौत हो गई।

उस दिन कोल्हे का बेटा और बहू उसकी मदद के लिए दौड़े, लेकिन अंधेरे के कारण हमलावर भागने में सफल रहे। जैसा कि कोल्हे के बेटे ने पुलिस को बताया, दो लोगों ने वाहन को रोका और उस पर हमला कर दिया। जिसके बाद क्राइम ब्रांच और सिटी कोतवाली पुलिस ने एक संयुक्त जाँच शुरू की और मुदस्सिर अहमद शेख इब्राहिम और शाहरुख पठान इनायत खान नाम के दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। बाद में पुलिस ने कोल्हे की हत्या के मामले में दो और आरोपितों अब्दुल तौफीक और शोएब खान को भी गिरफ्तार किया है।

इस मामले में जाँच करने पर पता चला कि हमलावर उस इलाके की रेकी कर रहे थे, जहाँ कोल्हे को मारा गया था। हालाँकि, यह संदेह है कि मामले में एक मजहबी एंगल भी हो सकता है। जिसे ध्यान में रखते हुए अमरावती सिटी पुलिस ने कहा है कि वे हर संभावित कोण से मामले की जाँच करना जारी रखेंगे।

नूपुर शर्मा से जुड़ा हो सकता है मामला

महाराष्ट्र बीजेपी के नेता और प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी ने आरोप लगाया है कि इस मामले में नूपुर शर्मा का कोण शामिल हो सकता है। कुलकर्णी ने कहा है कि पुलिस को इस बात की जाँच करनी चाहिए कि क्या उमेश कोल्हे की मौत का बदला उनके सोशल मीडिया साइट्स पर पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर लिया गया था। कुलकर्णी ने आगे कहा, “चूँकि, पुलिस के पास कोल्हे का फोन है, इसलिए यह जाँच की जानी चाहिए कि क्या उन्हें नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले पोस्ट पर जान से मारने की धमकी मिल रही थी। ऐसा नहीं लगता कि यह हत्या सामान्य लूट के लिए की गई थी।”

कुलकर्णी ने एक वीडियो में कहा, “मामला बेहद संदिग्ध है। कोल्हे की हत्या से पहले हमलावरों की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी। मिस्टर कोल्हे ने नुपुर शर्मा के समर्थन में कुछ पोस्ट सोशल मीडिया और कुछ व्हाट्सएप ग्रुप्स पर शेयर की थीं। यह जरूरी है कि पुलिस जाँच करे कि क्या इस तथ्य का उनकी हत्या से कोई लेना-देना है।”

साथ ही उन्होंने बताया कि उमेश कोल्हे पर हमला बेहद ‘पेशेवर’ तरीके से 5 इंच के चीनी चाकू से किया गया था। यहाँ तक कि कोल्हे की गर्दन पर हमला करने वाले हमलावरों ने उनके बैग में पड़े पैसों को छूने तक की जहमत नहीं उठाई। जबकि वे उस पर करीब एक हफ्ते से नजर रखे हुए थे। पुलिस को बिना किसी बाहरी दबाव के इस एंगल से जाँच करनी चाहिए।’

अमरावती के पूर्व भाजपा पार्षद तुषार भारतीय ने माँग की है कि शुरूआती जाँच में मिले सुराग को देखते हुए महाराष्ट्र विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस को आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) से जाँच कराने के लिए आवेदन करना चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया