मेरी गलती क्या है, ये तो बताइए… बिहार की महिला कॉन्स्टेबलों ने बुजुर्ग शिक्षक पर दनादन बरसाईं लाठियाँ

कैमूर की टीचर की पिटाई

बिहार के कैमूर में में इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में दो महिला पुलिसकर्मी एक बुजुर्ग व्यक्ति को लाठियों से बेतहाशा पीट रही हैं। जिस बुजुर्ग को वे पीट रही हैं, वह बुजुर्ग एक निजी स्कूल में शिक्षक है। सबसे बड़ी बात है यह इस दौरान शिक्षक बार-बार पूछता रहा कि उसका कसूर क्या है। बाद में एसपी ने दोनों कॉन्स्टेबल को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया।

घटना बिहार के भभुआ शहर के मंडल कारागार के पास की है। शुक्रवार (20 जनवरी 2023) को 65 वर्षीय बुजुर्ग टीचर नवल किशोर पांडेय रोड पार कर रहे थे। इसी दौरान महिला पुलिस कर्मी उन पर लाठियाँ बरसाने लगीं। शिक्षक बार-बार पूछते रहे कि उनकी गलती क्या है, ये तो बताइए। वे कहते रहे ‘मैं तो साइकिल से सड़क पार कर रहा था’।

इस दौरान दर्जनों लोग उस रास्ते से गुजरते रहे, लेकिन पुलिस की वर्दी का खौफ ऐसा कि किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। हालाँकि, किसी ने वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया। जब मामला एसपी के संज्ञान में आया तो कार्रवाई की गई।

दोनों महिला कॉन्स्टेबल की पहचान नंदिनी कुमारी और जयंती कुमारी के रूप में हुई है। कैमूर जिले के एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया कि नंदिनी कुमारी और जयंती कुमारी को 3 माह के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। पांडेय एक निजी स्कूल में अंग्रेजी के शिक्षक हैं।

दरअसल, बरहुली गाँव निवासी नवल किशोर पांडेय निवासी जब स्कूल से लौट रहे थे, तब मंडल कारा के पास जयप्रकाश चौक पर जाम लगी हुई थी। एक लेन का ट्रैफिक बंद था। दोनों महिला पुलिसकर्मी जाम हटाने की कोशिश कर रही थीं।

इसी दौरान बुजुर्ग शिक्षक साइकल लेकर सड़क पार करने की कोशिश करने लगे। इस पर महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें रुकने के लिए कहा, लेकिन वे कुछ बोलकर आगे बढ़ते रहे। तब एक महिला पुलिसकर्मी ने उनकी साइकल पीछे से पकड़ ली और एक आगे आकर खड़ी हो गईं।

इससे बुजुर्ग टीचर नीचे गिर गए। इस पर पांडेय ने महिला पुलिसकर्मियों से कुछ कहा। कुछ देर की कहासुनी के बाद दोनों महिला पुलिसकर्मी टीचर पर लाठियाँ बरसाने लगीं। पांडेय का कहना है कि उन्हें 20 से अधिक डंडे मारे गए, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा।

महिला पुलिसकर्मियों ने शिक्षक पर गाली देने के आरोप लगाया। वहीं, शिक्षक ने कहा, “वो बोल रही थीं कि मैंने गालियाँ दी हैं, जबकि मैंने कुछ नहीं कहा था। एक सज्जन ने कहा- छोड़ दो, तब जाकर दोनों पुलिसकर्मियों ने लाठी चलाना छोड़ा।” उन्होंने कहा कि वे इतने लज्जित हैं कि उनके थाने में शिकायत नहीं दर्ज कराई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया