अजमेर सेक्स कांड पर लिखा तो पत्रकार की कर दी हत्या, 30 साल बाद उनके 2 बेटों ने 1 को गोलियों से भूना, कहा- बाप का बदला लिया

मारा गया हिस्ट्रीशीटर सवाई सिंह और आरोपित सूर्य प्रताप सिंह (फोटो साभार: दैनिक भास्कर/TV9 भारतवर्ष)

1992 में राजस्थान के अजमेर में देश के सबसे बड़े सेक्स कांड का पर्दाफाश हुआ था। इसको कवर करने के कारण उसी साल पत्रकार मदन सिंह की हत्या कर दी गई थी। करीब 30 साल बाद 7 जनवरी 2023 को इस दिवंगत पत्रकार के दो बेटों ने एक शख्स को गोलियों से भून​ दिया। चिल्लाकर बताया कि अपने पिता की मौत का बदला ले लिया है।

मदन सिंह के बेटों ने जिसकी हत्या की है, उसकी पहचान हिस्ट्रीशीटर और पूर्व पार्षद सवाई सिंह के तौर पर हुई है। मदन सिंह की हत्या के आरोपितों में सवाई सिंह भी शामिल था। हालाँकि बाद में कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था। उस पर हमला पुष्कर के बांसेली गाँव स्थित एक रिसॉर्ट में किया गया। हमले में सवाई के दोस्त दिनेश तिवाड़ी गंभीर रूप से जख्मी हो गया।

सवाई सिंह पर हमला करने वाले भाइयों में से एक सूर्य प्रताप सिंह गिरफ्तार कर लिया गया है। दूसरा धर्म प्रताप सिंह फरार है। सूर्य प्रताप को मौके पर मौजूद लोगों ने ही पकड़कर पुलिस को सौंपा था। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार सूर्यप्रताप सिंह ने पकड़े जाने के बाद कहा- सवाई सिंह ने मेरे पिता को मारा, अब मैंने इसे मार दिया। अगला नंबर राजकुमार जयपाल (पूर्व कॉन्ग्रेस विधायक) का है। उल्लेखनीय है कि जयपाल भी मदन सिंह हत्याकांड में आरोपित थे। सवाई सिंह पर हमले का एक वीडियो भी वायरल है। इसमें आरोपित अपने पिता की हत्या का बदला लेने की बात करते दिख रहे हैं।

1992 में जब अजमेर में स्कूली लड़कियों के साथ बलात्कार उन्हें ब्लैकमेल करने का मामला सामने आया था, तब साप्ताहिक समाचार पत्र चलाने वाले मदन सिंह ने इस पूरे मामले को बड़े पैमाने पर उठाया था। इस कारण पहले उन्हें धमकियाँ मिलीं। लेकिन, बाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई। श्रीनगर रोड पर मदन सिंह पर हमला किया गया था। घायल होने के बाद उन्हें अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन अस्पताल के वार्ड में ही गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई।

मदन सिंह की माँ के बयान के आधार पर कॉन्ग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल, सवाई सिंह, नरेन्द्र सिंह सहित अन्य लाेगाें के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। लेकिन साल 2012 में अदालत ने सभी को बरी कर दिया। इसके बाद सूर्यप्रताप और धर्म प्रताप ने सवाई तथा जयपाल पर फायरिंग की थी। लेकिन, उस समय दोनों बच गए थे।

क्या है अजमेर सेक्स कांड

साल 1992 में अजमेर में 100 से ज्यादा हिंदू लड़कियों को फँसा कर रेप किया गया था। अश्लील तस्वीरों से ब्लैकमेल कर उनसे कहा गया कि वे अन्य लड़की को फँसा कर लाए। इस तरह से पूरा रेप चेन सिस्टम बनाया गया था।

फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती- इस कांड के मुख्य आरोपित थे। तीनों ही यूथ कॉन्ग्रेस के लीडर थे। फारूक उस समय इंडियन यूथ कॉन्ग्रेस की अजमेर यूनिट का अध्यक्ष था। नफीस चिश्ती कॉन्ग्रेस की अजमेर यूनिट का उपाध्यक्ष था। अनवर चिश्ती अजमेर में पार्टी का ज्वाइंट सेक्रेटरी था। साथ ही तीनों अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम भी थे। इस तरह से उनके पास राजनैतिक और मजहबी, दोनों ही ताकत थी।

बताया जाता है कि आरोपितों ने सबसे पहले एक बिजनेसमैन के बेटे के साथ कुकर्म कर उसकी अश्लील तस्वीर उतारी और उसे अपनी गर्लफ्रेंड को लाने के लिए मजबूर किया। उसकी गर्लफ्रेंड से रेप के बाद उसकी अश्लील तस्वीरें निकाल ली और लड़की को अपनी सहेलियों को लाने के लिए कहा गया। फिर यह सिलसिला ही चल पड़ा। एक के बाद एक लड़की के साथ रेप करना, न्यूड तस्वीरें लेना, ब्लैकमेल कर उसकी भी बहन/ सहेलियों को लाने के लिए कहना और उन लड़कियों के साथ भी यही घृणित कृत्य करना- इस चेन सिस्टम में 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ भी शर्मनाक कृत्य किया।

उस जमाने में आज की तरह डिजिटल कैमरे नहीं थे। रील वाले थे। फोटो निकालने के लिए जिस स्टूडियो में दिया गया, वह भी चिश्ती का दोस्त और मुस्लिम समुदाय का ही था। उसने भी एक्स्ट्रा कॉपी निकाल लड़कियों का शोषण किया। ये भी कहा जाता है कि स्कूल की इन लड़कियों के साथ रेप करने में नेता और सरकारी अधिकारी भी शामिल थे। आगे चलकर ब्लैकमैलिंग में और भी लोग जुड़ते गए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया