जिस किसान आंदोलन को हवा दे रहे केजरीवाल, उसी कारण 11 लोगों की मौत: दिल्ली सरकार के विभाग ने ही बताई असली वजह

दिल्ली के अलीपुर स्थित पेंट फैक्ट्री में भीषण आग (फोटो साभार : टीवी9 भारतवर्ष)

देश की राजधानी दिल्ली के अलीपुर में गुरुवार (15 फरवरी 2024) की शाम को आग लग गई। ये आग एक पेंट फैक्ट्री में लगी, जिसमें 11 लोगों की जल कर मौत हो गई। इस हादसे की वजह जो भी रही हो, लेकिन राहत एवं बचाव कार्यों में देरी हुई, जिसके चलते इतना बड़ा नुकसान हुआ। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद दमकल विभाग को जब इसकी सूचना दी गई, तो दमकल विभाग की गाड़ियाँ काफी देरी से मौके पर पहुँची। अलीपुर अग्निकांड मामले में एक अधिकारी ने किसान आंदोलन की वजह से भारी बैरिकेटिंग को दमकल विभाग की गाड़ियों के पहुँचने में हुई देरी को वजह बताया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में एक अधिकारी ने बताया कि दमकल विभाग के पहुँचने में देरी हो गई, क्योंकि इलाके में भारी बैरिकेडिंग की गई थी। ये बैरिकेडिंग किसान आंदोलन के चलते की गई है। अधिकारी ने कहा, “पूरे इलाके में भारी ट्रैफिक था। इसलिए घटनास्थल तक पहुँचने में देरी हुई, क्योंकि कई जगहों पर ट्रैफिक को पूरी तरह से डायवर्ट कर दिया गया था।”

दमकल के देरी से पहुँचने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जाँच के आदेश दिए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “यह बहुत दुखद घटना है, आग एक पेंट फैक्ट्री में लगी, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई, तो 4 लोग घायल हो गए।” उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपए के आर्थिक मदद की बात कही, साथ ही गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख देने और मामूली रूप से घायल लोगों को 20-20 हजार रुपए देने की बात कही। इस दौरान उन्होंने कहा, “बताया जा रहा है कि दमकल की गाड़ियाँ देर से पहुँचीं, मैं इसकी जाँच के आदेश दूँगा। फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

अरविंद केजरीवाल ने भले ही जाँच की बात कही हो, लेकिन दिल्ली में किसी भी आपात स्थिति से निपटना काफी मुश्किल हो रहा है। एक तरफ उनकी सरकार किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है। पंजाब से किसानों को बिना किसी रोक-टोक के हरियाणा की सीमाओं को घेरने का मौका दिया जा रहा है, तो दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को नकार दिया, जिसमें केंद्र सरकार ने बवाना स्टेडियम को अस्थाई जेल में बदलने का अनुरोध किया था। यही नहीं, दिल्ली सरकार ने इस आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा था कि सभी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का हक है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया