8 साल पुराने ‘धांधली’ मामले में अमानतुल्लाह खान के ऊपर CBI कसेगी शिकंजा, LG से मिली अनुमति, अब दर्ज होगा केस

अमातुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ीं

आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जाँच के आदेश दे दिए हैं। ये जाँच साल 2016 में दिल्ली वक्फ बोर्ड में हुई नियुक्तियों की धांधली और सरकारी खराजने को नुकसान पहुँचाने को लेकर है।

अमानतुल्लाह खान के साथ वक्फ बोर्ड के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी महबूब आलम के खिलाफ भी सीबीआई को केस दर्ज करने की अनुमति दी गई है। आरोप है कि अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पदों का दुरुपयोग करके वक्फ बोर्ड में अपने जानने वालों की नियुक्ति की।

इस संबंध में दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के एसडीएम ने नवंबर 2016 में वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने कहा था कि इन लोगों ने वक्फ बोर्ड में स्वीकृत और गैरस्वीकृत पदों पर मनमाने ढंग से नियुक्तियाँ करवाईं।

इसके बाद सीबीआई जाँच में भी यह सामने आया कि जानबूझकर नियमों की अनदेखी की गई और हजारों योग्य व्यक्तियों को नजरअंदाज करके भर्ती प्रक्रिया में मनमाने ढंग से अपने लोगों को वक्फ बोर्ड में शामिल किया गया। सीबीआई ने जाँच के बाद कहा था कि उन्हें अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं कि उनके ऊपर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (1) (डी) और धारा 13 (2) के तहत व आईपीसी की धारा 120 बी के तहत केस चल सके।

जाँच से यह भी सामने आया कि अगर भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष किया जाता तो योग्य लोग नौकरी पाते। मगर, आप विधायक अमातुल्लाह खान और वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आलम ने अन्य लोगों को समानता और अवसर के अधिकार से दूर रखा और उन्हीं की नियुक्ति की गई, जिन्हें वह चाहते थे। अब मीडिया में सीबीआई की इसी जाँच को आधार बनाकर दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने जाँच एजेंसी को केस शुरू करने की अनुमति दे दी है। सीबीआई ने 2016 से जुड़े इस केस को लेकर मई में केस शुरू करने की अनुमति माँगी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया