‘पुलिस ने पकड़ा तो बहुत बेइज्जती होगी’: भगोड़े अमृतपाल के चाचा का ऑडियो वायरल, सरेंडर करने से पहले साथी से की बात

अमृतपाल सिंह के चाचा का ऑडियो वायरल

खालिस्तान समर्थक ‘भगोड़े’ अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह की एक ऑडियो वायरल हो रही है। ये ऑडियो उनकी गिरफ्तारी से पहले की है। इस ऑडियो में वह अपने सरेंडर की बात कह रहे हैं।

वायरल ऑडियो में उन्हें कहते सुना जा सकता है, “चूँकि हम और नहीं भाग सकते, हर जगह कैमरे लगे हैं, अच्छा है कि हम सरेंडर ही कर दें।” ऑडियो में हरजीत सिंह को अपने भतीजे को भी सरेंडर करने की सलाह देते सुना जा सकता है।

जानकारी के मुताबिक, हरजीत सिंह जिससे बात कर रहे थे वो उनका साथी व भगोड़ा पपलप्रीत सिंह था। ऑडियो में उन्हें कहते सुना गया था कि वो एक या दो दिन में सरेंडर कर देंगे। ऑडियो में ये भी कहा गया था- “अगर पुलिस ने हमें कल को पकड़ा तो बहुत बेइज्जती होगी। जांबाजों की तरह पुलिस के आगे सरेंडर करते हैं, मीडियो बुलाओ।”

उन्होंने अमृतपाल को भी सरेंडर की सलाह दी थी। पपलप्रीत से उन्होंने कहा था- “हर जगह कैमरे हैं, हम ज्यादा दिन नहीं बच पाएँगे। इसीलिए मैं आप से कह रहा हूँ। भाई साहब आपके साथ होंगे। आपकी बात सुनेंगे।”

कथिततौर पर अमृतपाल सिंह के एक चाचा सुखचैन सिंह पंजाब पुलिस में इंस्टपेक्टर थे, जो अब रिटायर हो चुके हैं। उन्हीं से अमृतपाल सिंह को और उसके दूसरे चाचा हरजीत सिंह पुलिस एक्शन की जानकारी मिली। जिसके बाद अमृतपाल फरार हो गया। वहीं हरजीत सिंह ने पुलिस की सक्रियता देखते हुए सरेंडर का मन बनाया।

बता दें कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत कई जगह अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है। इस बीच उसके दो साथियों के खिलाफ बिलगा थाने में आपराधिक मामला दर्ज हुआ है। ये केस ग्रंथी सुखविंदर सिंह की पत्नी गुरमीत कौर ने दर्ज करवाई थी।

उन्होंने कहा था कि इसी साल 18 मार्च को तीन नकाबपोश लोग शेखूपुर गाँव स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में घुसे जिन्होंने कौर के परिवार को बंदूक की नोक पर एक कमरे में बंद कर दिया था। इसके बाद उन्होंने कौर के बेटे परवान सिंह से उसकी शॉल और पगड़ी जबरन छीनी, फिर उसे कहा कि वो चुपचाप उनकी सतलुज नदी पार करने में मदद करे। परवान सिंह का कहना है कि उन तीनों में से एक अमृतपाल सिंह था। पुलिस ने इस मामले को बिलगा पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 386, 342, 506, 34 और आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27, 54 और 59 के तहत दर्ज किया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया