खबर तबलीगी जमातियों की और फोटो हिंदू पति-पत्नी की: इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकारिता को पड़ रही गाली

क्या खबर के अनुरूप तस्वीर इस्तेमाल करना ईशनिंदा होती?

दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज़ से होकर वापस लौटे तबलीगी जमातियों के कारण कम से कम 40 बच्चों पर कोरोना की गाज गिरी है। मात्र 3-17 साल के ये बच्चे आँध्र प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये सभी बच्चे अपने परिजनों के कारण संक्रमित हुए, जो जमात के कार्यक्रम में शामिल होकर घर वापस लौटे थे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वहाँ के स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में कहा कि सभी बच्चे दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात की बैठक में भाग लेने वाले परिजनों से वायरस के संपर्क में आए। रिपोर्ट की मानें तो जमात में शामिल होकर वापस लौटने वालों को ये नहीं मालूम था कि वे संक्रमित हैं और अंजाने में उन्होंने ये संक्रमण अपने परिवार के सदस्यों को दे दिया। हालाँकि, प्रशासन का कहना है कि संक्रमित हुए बच्चों में से किसी की हालत अभी गंभीर नहीं है। इसलिए हो सकता है ये जल्दी ठीक हो जाएँ।

अब बता दें कि 15 अप्रैल तक आँध्र प्रदेश में कोरोना के 475 मामले सामने आए थे। इन 475 में 124 महिलाएँ थीं। अधिकारियों ने कहा कि कुछ मामलों में परिवार के एक संक्रमित सदस्य, जो निजामुद्दीन मरकज से होकर लौटा था, उसने परिवार में सभी महिलाओं, माताओं, बहनों, पत्नियों, बेटियों और दादी को संक्रमण दे दिया। एक जानकारी के अनुसार, जहाँ ये कहा जा रहा है कि ये वायरस बुजुर्गों के लिए सबसे खतरनाक है, वहाँ आँध्र प्रदेश में 36 ऐसे केस हैं, जिनकी उम्र 60 पार कर चुकी है।

आँध्र प्रदेश में कोरोना फैलने के पीछे तबलीगियों की भूमिका

ज्ञात हो कि अभी हाल ही में आँध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने कोरोना फैलाने के लिए जमातियों को जिम्मेदार ठहराया था।। हालाँकि बाद में उन्होंने लोगों की प्रतिक्रिया देखकर इसे वापस लेने की बात की थी। वहीं तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री एटेला राजेंदर ने भी माना था कि जमाती अगर नहीं होते तो राज्य कोरोना वायरस से मुक्त हो जाता। एक खबर के अनुसार आँध्र प्रदेश व तेलंगाना दोनों जगहों के 250 हॉट्सपॉट ऐसे हैं, जिनका संबंध सीधा तबलीगी जमात से है।

एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को राज्य में 19 नए मामले सामने आए। मगर, 16 अप्रैल को सुबह 8 बजे तक ये संख्या 22 नए मामले के साथ बढ़ गई और राज्य में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या 525 पहुँच गई। संक्रमितों में से 20 मरीज रिकवर कर चुके हैं। जबकि राज्य में 14 लोगों की मौत हो गई है। कुरनूल जिले में सबसे अधिक 75 मामले हैं, इसके बाद गुंटूर और नेल्लोर जिले में क्रमशः 51 और 48 मामले हैं।

आलोचनाओं से घिरा इंडियन एक्सप्रेस

इंडियन एक्सप्रेस को कोरोना पर अपनी रिपोर्टिंग के लिए पिछले 2 दिनों से सोशल मीडिया पर घेरा जा रहा है। इससे पहले उन्होंने अपनी एक रिपोर्ट में अहमदाबाद के अस्पताल को लेकर झूठे दावे किए थे और अब इस रिपोर्ट को भी सोशल मीडिया पर जमकर दुत्कारा जा रहा है। इस आलोचना के पीछे वजह इंडियन एक्प्रेस की वो हरकतें हैं, जो हर बार किसी भी एक खबर को धार्मिक रंग देने में प्रयासरत रहती है ।

https://twitter.com/ShefVaidya/status/1250649319172005888?ref_src=twsrc%5Etfw

इसी रिपोर्ट को देखिए। जिसमें भीतर में साफ लिखा है कि बच्चों को कोरोना उनके उन परिजनों के कारण हुआ, जो जमाती थे। मगर संस्थान ने इस खबर में एक ऐसी फीचर इमेज का इस्तेमाल किया, जिसमें एक हिंदू कपल की स्क्रीनिंग होते दिखाई गई। इसका क्या मतलब है? क्या जमातियों की या मरकज की तस्वीरें मौजूद नहीं हैं? या फिर अपने पाठकों को बरगलाना है?

बता दें कि संस्थान की इस हरकत के लिए न केवल सोशल मीडिया यूजर्स उनकी मंशा पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। बल्कि लेखिका शेफाली वैद्य ने भी इस पर प्रश्न उठाया है और साथ ही भ्रामक तस्वीर के लिए मीडिया संस्थान को लताड़ा है। उन्होंने पूछा है कि क्या खबर के अनुरूप तस्वीर इस्तेमाल करना ईशनिंदा होती?

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया