कश्मीरी व्यापारी जावेद शाह 30 साल से मूर्तियों की कर रहा था तस्करी: महाबलीपुरम से 11वीं सदी की तकरीबन ₹40 करोड़ की मूर्तियाँ बरामद

कश्मीरी का रहने वाला जावेद शाह मूर्तियों की तस्करी करता था (फोटो साभार: ईटीवी भारत)

तमिलनाडु पुलिस ने मंगलवार (11 जनवरी 2022) को मूर्ति चोरी के अंतरराष्ट्रीय रैकेट से जुड़कर तस्करी करने वाले जावेद शाह (Javed Shah) नाम के एक कश्मीरी व्यापारी को गिरफ्तार किया है। उसके पास से लगभग 40 करोड़ रुपये मूल्य की मूर्ति जब्त की गई है। पुलिस उसके संपर्कों को खंगाल कर इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुड़ गई है।

तमिलनाडु पुलिस की सीबी-सीआईडी की मूर्ति विंग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) को सूचना मिली की महाबलीपुरम के एक दुकान पर अवैध रूप से कुछ मूर्तियाँ रखी हुई हैं। सूचना के आधार पर एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया। उसके बाद टीम ने जावेद शाह की दुकान भारतीय हस्तशिल्प एम्पोरियम में छापेमारी की। सूचना सही होने के बाद पुलिस ने जावेद शाह को भी गिरफ्तार कर लिया।

छापेमारी में पुलिस ने उसकी दुकान से प्राचीन मूर्तियाँ एवं वस्तुएँ जब्त कीं। इनमें आठ वस्तुओं सहित 11 मूर्तियाँ हैं। पुरातत्व विभाग ने जाँच के बाद बताया कि ये मूर्तियाँ 11वीं शताब्दी की हैं। इसके बाद पुलिस ने जावेद को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब जाँच की तो पता चला कि पता चला कि जावेद के पास इन मूर्तियों को बेचने का लाइसेंस ही नहीं है।

जब्त की गई मूर्तियों में देवी पार्वती की एक मूर्ति, भगवान कृष्ण की बाँसुरी बजाती हुई मूर्ति, दस सिरों वाला रावण की मूर्ति एवं अन्य प्राचीन वस्तुएँ शामिल हैं। अंतराष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमत लगभग 40 करोड़ रुपए है। पुलिस का कहना है कि जावेद शाह इस रैकेट का सिरा हो सकता है और उसके कनेक्शन अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े अपराधियों से हो सकते हैं। इस मामले में पुलिस की नजर कई संदिग्धों पर है।

जावेद कश्मीर का रहने वाला है और महाबलीपुरम में मूर्तियों की दुकान चलाता है। पूछताछ के दौरान जावेद ने पुलिस को बताया कि वह पिछले 30 सालों से तस्करी के काम लगा हुआ है। उसने बताया कि शहर के होटल में आने वाले पर्यटकों को वह कीमती मूर्तियाँ गुप्त रूप से बेचा करता था। गिरफ्तारी के बाद उसे रिमांड पर भेज दिया है। वहीं, उसका भाई फरार बताया जा रहा है। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है, ये मूर्तियाँ किन मंदिरों से संबंधित हैं।

बता दें महाबलीपुरम यूनेस्को के विश्व धरोहर की सूची में शामिल है। वर्ष 1984 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया जा चुका हैं। यहां के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में पंच रथ, शोर मंदिर, गणेश मंदिर आदि शामिल हैं। महाबलीपुरम को मामल्लापुरम के नाम से भी जाना जाता है और यह जटिल नक्काशीदार मंदिरों और पत्थरों को काटकर बनाई गई गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है। दक्षिण भारत का यह एक महत्वपूर्ण टूरिस्ट प्लेस है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया