उज्ज्वला स्कीम को मोदी सरकार ने दिया विस्तार: 75 लाख महिलाओं को फ्री में मिलेगा LPG गैस कनेक्शन, पेट्रोलियम कंपनियों को ₹1650 करोड़

उज्ज्वला योजना की लाभार्थी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो (साभार: newsonair)

प्रधानमंत्री नरेंद्र सरकार की सरकार ने बढ़ती महंगाई के बीच देश के लोगों को राहत देने की कोशिश की है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि मोदी सरकार अगले तीन सालों में 75 लाख लोगों को एलपीजी के मुफ्त कनेक्शन दिए जाएँगे। यह LPG उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को दिए जाएँगे।

नए मुफ्त कनेक्शन के लिए केंद्र ने बुधवार (13 सितंबर 2023) को कैबिनेट की बैठक में सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों को 1,650 करोड़ रुपए जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह बैठक पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुलाई गई थी। नए मुफ्त कनेक्शन के बाद देश में उज्ज्वला लाभार्थियों की संख्या 9.60 करोड़ से बढ़कर 10.35 करोड़ हो जाएगी।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में रक्षाबंधन और ओणम के मौके पर एलपीजी गैस की कीमतों में भारी कटौती की गई थी। इसके कारण LPG सिलिंडर का मूल्य 200 घटकर 1100 रुपए से 900 रुपए हो गया। इससे उज्ज्वला योजना के साथ-साथ आम लोगों को भी फायदा होगा।

उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना की सफलता की कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस योजना से महिलाओं के जीवन में काफी बदलाव आए हैं और उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। इससे पहले अधिकांश महिलाएँ लकड़ी और कोयले पर निर्भर थीं। इससे पर्यावरण भी प्रदूषित होता था।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि गैस की कीमतों में कटौती के बाद सबसे ज्यादा फायदा उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को पहले से ही 200 रुपए की सब्सिडी मिल रही थी और अब 400 रुपए की सब्सिडी मिलेगी।

बताते चलें कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला य़ोजना की शुरुआत मई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिए जाते हैं। यह कनेक्शन अनिवार्य रूप से महिला के ही नाम से जारी किए जाते हैं।

ई-कोर्ट पर सरकार की पहल

उज्ज्वला के साथ-साथ केंद्र सरकार ने ई-कोर्ट को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट ने ई-कोर्ट परियोजना के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी गई है और इसके लिए सरकार ने 7210 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। इसके पीछे ऑनलाइन अदालतों को बढ़ावा देना और न्यायिक प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाना है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कैबिनेट का एक महत्वपूर्ण निर्णय यह है कि 7,210 करोड़ रुपए की ई-कोर्ट मिशन मोड परियोजना चरण 3 को मंजूरी दी गई है। इसका लक्ष्य ऑनलाइन और पेपरलेस अदालतों की स्थापना करना है। कागज रहित अदालतों के लिए ई-फाइलिंग और ई-भुगतान प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाएगा। डेटा संग्रहीत करने के लिए क्लाउड स्टोरेज बनाया जाएगा। सभी अदालत परिसरों में 4,400 ई-सेवा केंद्र स्थापित किए जाएँगे।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया