6 मर्डर करो और छैमार गैंग का सरगना बनो: वारदात से पहले पार्टी करते, लाठी से सिर फोड़ देते

राजस्थान की जयपुर पुलिस ने छैमार गिरोह के 9 सदस्यों को पकड़ा

राजस्थान में जयपुर पुलिस को कुख्यात छैमार गैंग के विरुद्ध बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने डकैती, हत्या और लूट जैसे संगीन अपराधों में शामिल इस गैंग के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में साहिब खान उर्फ़ शेफ अली उर्फ़ मुनाजिर भी शामिल है। साहिब खान पर उत्तर प्रदेश पुलिस की STF यूनिट ने 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा है। साहिब खान उर्फ़ मुनाजिर का अब्बा आदिल उर्फ़ शेर खान भी गिरफ्तार किया गया है। छापेमारी 11 और 12 नवम्बर 2021 को की गई।

यह कार्रवाई जयपुर कमिश्नरेट की CAT टीम, मानसरोवर थाना मुहाना और शिप्रा पथ थाना पुलिस ने मिल कर की। इन टीमों ने मिलकर एक वृहद सर्च अभियान छेड़ा था। जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी (क्राइम) डॉ. अमृता दुहान के मुताबिक, क्राइम ब्रांच टीम को संदिग्धों की सूचना मिली थी। इस अभियान में कुल 54 संदिग्धों को पकड़ा गया था। यह अभियान शहर में होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए डेरों और कच्ची बस्तियों में छेड़ा गया था। इसी सर्च अभियान के दौरान छैमार गिरोह के सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं। बाकी संदिग्धों से भी पूछताछ जारी है।

छैमार गिरोह के गिरफ्तार आरोपितों के नाम आदिल उर्फ शेर खान, साहिब उर्फ सैफ अली, करीम खान, मादिल उर्फ मोहिन खान, सावेश खान, माजिद अली, आमिर उर्फ जाहिर, शाहिद खान, नदीम उर्फ बॉबी हैं। आदिल उर्फ शेरखान उत्तर प्रदेश का निवासी है। वह जयपुर के मानसरोवर के पास एक कब्रिस्तान के बगल छुपा हुआ था। गिरोह के सरगना साहिब को UP की औरैया पुलिस को सौंप दिया गया है।

जयपुर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजयपाल लांबा ने इनकी आपराधिक कार्यशैली की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये समूह घटना से पहले रात 9 से 10 बजे के बीच अपने लक्ष्य के आसपास एक सुनसान जगह पर मीटिंग करते हैं। वहीं पर ये सभी माँस और मदिरा का सेवन करते हैं। इसके बाद ये समूह एक हरे पेड़ से लकड़ियों को काटकर उसकी पूजा करते हैं। ये रात लगभग 2 बजे अपने टारगेट वाले घर में घुसते हैं। एक सदस्य छत से जा कर मुख्य द्वार खोलता है। फिर गिरोह के सारे सदस्य भी अंदर घुस जाते हैं।

जानकारी के मुताबिक यह छैमार गिरोह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर मुरादाबाद, अयोध्या, सम्बल, अमरोहा, फर्रूखाबाद और कानपुर के आस-पास डेरा डाल कर रहता है। भारत भर में घूमने के लिए ये ट्रेनों का इस्तेमाल करते हैं। छैमार गैंग 2 भागों में बँटा हुआ है। पहला पंजाबी भाषा में बात करने वाला पंजाबी छैमार और दूसरा पूरविया छैमार। छैमार गैंग में वही मुखिया बनता है जो कम-से-कम 6 हत्याएँ करता निर्धारित किए गए हैं। ये अपना निशाना घर के गेट पर शुभ विवाह और आपका हार्दिक स्वागत जैसे शब्द लिखा दे कर तय करते हैं। इसी के आधार पर ये घर में पैसे, जेवर आदि का अनुमान लगाते हैं। गिरफ्तारी के बाद ये जमानत में भी फर्जी कागज़ात लगा लेते हैं और अपना डेरा दूसरी जगह लगा लेते हैं।

छैमार गिरोह के सरगना फाती उर्फ कदीम उर्फ अशद खान को बुधवार (11 अगस्त 2021) को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। तब फाती ने बताया था कि जिस भी शहर में उसे डकैती करनी होती थी तो उस इलाके में ये महिलाओं से भिखारी का वेश बनाकर रेकी करवाते थे और बाद में वारदात को अंजाम देते थे। रिपोर्ट के मुताबिक, 1997 में राजस्थान में इस गिरोह ने 7 लोगों की हत्याएँ की थी, जिसमें 2 बच्चे भी शामिल थे। एसटीएफ के खुलासे में बताया गया था कि यह गिरोह अब तक 200 लोगों की हत्याएँ कर चुका है। फाती ने दावा किया था कि वो केवल 15 दिनों में ही अपना गिरोह फिर से तैयार कर सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया