21 साल के भारतीय युवक का चीनी सेना ने किया अपहरण: अंतरराष्ट्रीय नियमों की उड़ाई धज्जियाँ, भारतीय एजेंसियाँ सख्त

भारत-चीन अरुणाचल सीमा, तस्वीर: livemint.com

अरुणाचल प्रदेश की द तागिन कल्चरल सोसाइटी ने राज्य के गवर्नर को दिए मेमोरेंडम में आरोप लगाया है कि राज्य के अपर सुबनसिरी जिले में मैकमोहन लाइन के पास असपिला सेक्टर से 21 साल के युवक को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अगवा कर लिया है। तोगले सिंग्कम और उसके दोस्त गाम्शी चादर और रोन्या नाडे तागिन समुदाय के ना कबीले से सम्बद्ध जमीन से परम्परागत जड़ी बूटी और मछली पकड़ने गए थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तागिन सोसाइटी ने राज्यपाल को दिए अपने मेमोरेंडम में कहा- 19 मार्च की दुर्भाग्यशाली सुबह जब तीनों दोस्त मछली पकड़ने में व्यस्त थे, चीनी सैनिकों ने उन्हें घेर लिया और बंदूख की नोंक पर तोंगले का अपहरण कर लिया, जबकि बाकी दोनों भागने में कामयाब रहे। मेमोरेंडम में कहा गया कि उसने वास्तविक नियंत्रण रेखा या कोई भी अंतर्राष्ट्रीय रेखा नहीं लाँघी थी, जबकि चीनी सैनिक इस पार घुस कर आए और अमानवीय तरीके से उसे अपह्रत कर के ले गए, जो अंतर्राष्ट्रीय नियमों की धज्जियाँ उड़ाना है।

याद रहे कि मैकमोहन लाइन ही तिब्बत को अरुणाचल प्रदेश से अलग करती है। और जिस प्रकार चीन दूसरे देशों के क्षेत्रों को अपना कहने में माहिर है उसी प्रकार वह भारत के इस उत्तर पूर्वी राज्य को भी अपना बताता रहता है। मेमोरेंडम के अनुसार इस अगवा किए गए युवक के दोस्तों ने लौट कर इस घटना की जानकारी इसके परिजनों को दी, जिसके बाद उन्होंने 23 मार्च को नाचो पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी रिपोर्ट लिखवाई।

इस मामले पर सुबनसिरी के एसपी तारु गूसर ने पीटीआई को बताया है कि मामले की छानबीन के लिए नाचो थाने के इंचार्ज को घटना स्थल पर भेजा गया है। वहीं सेना के पूर्वी कमाण्ड के कोलकाता स्थित मुख्यालय में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि वे उस क्षेत्र में तैनात सैन्य कर्मियों से इस मामले की जानकारी जुटा रहे हैं। मेमोरेंडम मिलने की पुष्टि गवर्नर कार्यालय ने कर दी है।

तागिन कल्चरल सोसाइटी ने गवर्नर से प्रार्थना की है कि वो इस मामले को केंद्र के सामने उठाएं और शीघ्रतापूर्वक सिंग्कम की रिहाई सुनिश्चित करें। यह भी कहा गया है कि तागिन समुदाय सीमावर्ती इलाकों में रहता है, जिसका जीवन इस तरह की घटनाओं से बेहद दुष्प्रभावित हो जाता है। यह कथित अपहरण ऐसे समय हुआ है जब पूरी दुनिया चीनी वायरस से बेहाल हो रखी है। जबकि विश्व का ध्यान अभी भी कोरोना संक्रमण पर है, चीन खराब चिकित्सा उपकरण बेंचने और अमानविक गतिविधियों को बढ़ाने में लगा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया