हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं ओवैसी, अयोध्या पर उनका बयान देशद्रोह जैसा: महंत नरेंद्र गिरी

ओवैसी के खिलाफ मुकदमा करेंगे महंत नरेंद्र गिरि

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी के बयान को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने देशद्रोह बताया है। उन्होंने कहा है कि ओवैसी भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं। नरेंद्र गिरी का कहना है कि अगर उन्हें भारतीय न्यायपालिका और संविधान पर विश्वास नहीं है, तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए। उन्होंने ओवैसी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असंतोष व्यक्त करने को देशद्रोह बताते हुए उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार (नवंबर 9, 2019) को अयोध्या भूमि विवाद का फैसला सुना दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच सदस्यीय संविधान पीठ ने एकमत से अयोध्या को भगवान राम का जन्मस्थान मानते हुए पूरी 2.77 एकड़ विवादित जमीन रामलला विराजमान को सौंपकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया। वहीं, मुस्लिम पक्षकारों को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का निर्णय सुनाया।

ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा था कि वो इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम (सर्वोच्च) जरूर है, लेकिन वह अचूक नहीं है। उन्हें खैरात में पाँच एकड़ जमीन नहीं चाहिए। महंत नरेंद्र गिरि ने ओवैसी के इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि वो हमेशा से हिंदुओं और साधु संतों का अपमान करते आए हैं। गिरी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खैरात बताने को लेकर वो उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाएँगे।

उन्होंने कहा,”पूरा भारत, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम, ने खुले दिल से निर्णय को स्वीकार किया। लेकिन ओवैसी एक अलग ही राग अलाप रहे हैं। वह फैसले को खैरात कह रहे हैं। इस तरह के बयानों से आप हिंदू और मुस्लिमों को एक-दूसरे से लड़वाते हैं। ये सारे जहर पाकिस्तान में उगलना, जो आतंकवादियों का केंद्र है। हम ओवैसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। वह भारतीय संविधान के कारण ही सांसद हैं। हम कितना बर्दाश्त कर सकते हैं, इसकी भी एक सीमा है। हम उनके खिलाफ एफआईआर की माँग करेंगे। मैं खुद जल्द ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाऊँगा।”

महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार नहीं करना भारतीय संविधान के खिलाफ माना जाता है। आप भारत में रहते हैं, लेकिन इसकी न्यायिक प्रणाली में विश्वास नहीं करते हैं। यह देशद्रोह की श्रेणी में आता है। महंत ने कहा कि उनका अनुरोध है कि अगर उन्हें भारत नहीं पसंद है और वह यहाँ नहीं रहना चाहते हैं, तो पाकिस्तान जा सकते हैं और वहाँ रह सकते हैं। उन्हें कोई वहाँ जाने से कोई रोक नहीं रहा। महंत नरेंद्र गिरी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ओवैसी इस तरह की भाषा का दोबारा इस्तेमाल करेंगे तो साधु-संत समाज और अखाड़ा परिषद इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया