अयोध्या में बाबर ने राम मंदिर बनवाया था? – 3 ​सूरतों पर गौर कर रहा है सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह तीन विकल्पों पर विचार कर रहा है

सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले की नियमित सुनवाई चल रही है। शीर्ष अदालत पहले ही उम्मीद जता चुका है कि इस साल 18 अक्टूबर तक सुनवाई ख़त्म हो जाएगी। इससे कोर्ट को फ़ैसला लिखने के लिए पर्याप्त समय मिल पाएगा। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने आज (24 सितंबर 2019) एक बड़ा बयान दिया है। सुनवाई के दौरान जब मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन और ज़फ़रयाब जिलानी ने दलीलें पेश कीं, तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह तीन विकल्पों पर विचार कर रहा है। जस्टिस ए बोबडे ने निम्नलिखित 3 विकल्प बताए:

  1. बाबर ने मंदिर को ध्वस्त करने के बाद मस्जिद बनाई।
  2. बाबर ने उस स्थल पर मंदिर बनाई, जहाँ पहले से ही मंदिर स्थापित था।
  3. वह जगह खाली पड़ी हुई थी और वहाँ बाबर ने मस्जिद का निर्माण करवाया।
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उपर्युक्त तीनों विकल्पों पर सुप्रीम कोर्ट विचार कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सीता कुंड से जन्मस्थान की सटीक दूरी और जन्मस्थान के सटीक स्थल के बारे में सुनवाई करते समय इन तीनों विकल्पों के बारे में जानकारी दी। जिलानी ने कोर्ट के तीनों विकल्पों को सुनने के बाद कहा कि तीसरा विकल्प ही उनका पक्ष है। अर्थात, मुस्लिम पक्ष का मत है कि यह जगह खाली पड़ी हुई थी और मुग़ल शासक बाबर ने वहाँ मस्जिद का निर्माण करवाया।

जिलानी ने कहा कि यह एक सामान्य मस्जिद थी। मुस्लिम पक्षकार ने दावा किया कि ये मस्जिद तभी चर्चा में आया, जब ये स्थल विवादित हो गया। जिलानी के अनुसार, अगर विवादित स्थल पर इतिहास में कोई मंदिर था तो तो वह कब गायब हो गया होगा, किसी को नहीं पता। जिलानी ने कहा कि यह ढाँचा 19वीं सदी तक भारत के किसी अन्य सामान्य मस्जिद की तरह ही था।

जस्टिस बोबडे ने जिलानी से सवाल किया कि अगर यहाँ बाबरी मस्जिद थी भी तो आईन-ए-अकबरी में इसका जिक्र क्यों नहीं है जबकि इस पुस्तक में बाकी सभी मस्जिदों का छोटा से छोटा विवरण भी मौजूद है? उनके इस प्रश्न का जवाब देते हुए जिलानी ने कहा कि हो सकता है उस समय इतने ज्यादा मस्जिद हों कि सभी का विवरण देना संभव न रहा हो।

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जस्टिस बोबडे ने पूछा कि क्या अन्य मस्जिद भी बाबर जैसे बड़े राजाओं ने बनवाए थे? जवाब देते हुए मुस्लिम पक्षकार जिलानी ने कहा कि कई अन्य मस्जिद नवाबों व छोटे शासकों द्वारा बनवाए गए थे। इससे पहले ज़फ़रयाब जिलानी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि रामायण या रामचरितमानस में कहीं भी जन्मस्थान मंदिर का जिक्र नहीं है

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया