रामेश्ववर कैफे ब्लास्ट 2022 के मेंगलुरु धमाके की तरह: ISIS-लश्कर लिंक में तब पकड़ाए थे आतंकी, अभी 4 को हिरासत में लेकर पूछताछ

रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट में चार को पुलिस ने हिरासत में लिया (फोटो साभार : Midday/deccanherald)

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड इलाके में स्थित रामेश्वरम कैफे के बम धमाके के तार साल 2022 के मेंगलुरु धमाके से जुड़े दिख रहे हैं। दोनों ही धमाकों में एक ही तरह के विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया है। दोनों धमाकों का पैटर्न भी एक ही है और दोनों ही धमाकों में बम स्थानीय तौर पर बनाए गए थे। बेंगलुरु पुलिस ने बताया है कि रामेश्वरम कैफे में हुआ धमाका आईईडी ब्लास्ट था, जिसमें 10 लोग घायल हो गए। इस धमाके के सिलसिले में 4 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है और पूछताछ चल रही है।

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बताया है कि रामेश्वरम कैफे में हुआ विस्फोट साल 2022 में मेंगलुरु में हुए धमाकों के समान ही है। रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट के पीछे एक व्यक्ति की पहचान की जा रही है, जो कैफे में नाश्ते के लिए आया था, लेकिन बैग रखकर फरार हो गया था। उसी बैग में आईईडी था और उसमें थोड़ी ही देर में धमाका हो गया।

कर्नाटक के पुलिस अधिकारियों के हवाले से डीके शिवकुमार ने कहा कि रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई सामग्री मेंगलुरु विस्फोट में इस्तेमाल की गई सामग्री से काफी मिलती-जुलती है। डीके शिवकुमार ने कहा, “टाइमर और अन्य चीजों जैसी सामग्रियों के माध्यम से एक लिंक है। मेंगलुरु और शिवमोग्गा की पुलिस यहाँ जाँच कर रही है। ये आईईडी स्थानीय तौर पर तैयार की गई थी।

इस बीच, बेंगलुरु के सेंक्ट्रल क्राइम ब्रांच ने 4 लोगों को हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है। इन लोगों को धारवाड़, हुब्बली और बेंगलुरु से पकड़ा गया है। हालाँकि अभी तक आधिकारिक रूप से इन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। बेंगलुरु शहर के कमिश्नर बी दयानंद ने बताया कि रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट में आईईडी का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें 10 लोग घायल हो गए। इस धमाके की जाँच के लिए कई टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी घायलों की हालत स्थिर है। फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है।

बल्ब फिलामेंट डेटोनेटर मंगलुरु विस्फोट से जुड़े तार

बता दें कि नवंबर 2022 में ऑटो में मोहम्मद शारिक के बैग में रखा आईईडी बम फट गया था। इस घटना में मोहम्मद शारिक 40% जल गया और बाद में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बाद में पता चला कि मोहम्मद शारिक पहले से ही एक वांछित अपराधी था और इससे पहले पुलिस ने उसके दो साथियों को सितंबर 2022 में शिवमोग्गा से गिरफ्तार किया था। रामेश्वरम कैफे और मंगलुरु दोनों विस्फोटों में आरोपितों ने डेटोनेटर के रूप में बल्ब फिलामेंट का इस्तेमाल किया गया। यही नहीं, दोनों धमाकों में डिजिटल टाइमर और बैटरियों का भी समान रूप से इस्तेमाल किया गया।

बस से आया था धमाका करने वाला, रवा-इडली खाकर चलता बन

डीके शिवकुमार ने कहा कि 28-30 साल का दिखने वाला आरोपित बस में सवार होकर रामेश्वरम कैफे पहुँचा। उसने रवा-इडली का ऑर्डर दिया, लेकिन थोड़ा सा ही खाकर निकल गया। वो अपना बैग सजावटी पेड़ के पास छोड़ गया। अब इस मामले में भारत की नोडल आतंकवाद विरोधी एजेंसी राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) भी जाँच शुरू कर चुकी है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया