गोपालगंज: जुल्फिकार ने करवाई थी शिक्षा विभाग के क्लर्क अजय की हत्या, वसीर अंसारी और शाहबाज़ को दिए थे ₹3 लाख की सुपारी

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

बिहार पुलिस ने गुरुवार (20 अगस्त, 2020) को गोपालगंज में हुई शिक्षा विभाग के क्लर्क अजय राय की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। 3 जुलाई को अजय राय की गोपालगंज में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि अजय राय को शिक्षकों के पदों पर फर्जी नियुक्तियों में शामिल लोगों का पर्दाफाश करने का काम सौंपा गया था। इसकी वजह से घोटालेबाजों ने उनकी सरेआम हत्या करवा दी। पुलिस ने बताया इस मामले में उत्तर प्रदेश के दो शार्प शूटरों सहित तीन संदिग्ध अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस ने कहा कि 3 जुलाई को गोपालगंज के थावे थाना क्षेत्र के लक्षेश्वर गाँव में दो मोटरसाइकिल सवार हथियारबंद अपराधियों ने अजय को गोली मार दी। जब वह ऑफिस के लिए जा रहे थे। पुलिस ने मौके से दो खाली कारतूस बरामद किए थे।

गिरफ्तार तीनों आरोपितों की पहचान जुल्फिकार-अली-भुट्टो (गोपालगंज निवासी), मोहम्मद वसीर अंसारी और मोहम्मद शाहबाज़ आलम (दोनों यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले) के रूप में हुई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने जानकारी दी कि ‘एजुकेशन माफिया’ की तरफ से अजय को मारने के लिए सुपारी किलरों को 03 लाख रूपए की सुपारी दी गई थी। जिले में शिक्षक नियोजन में फर्जीवाडा को लेकर जाँच शुरू हुई थी। अजय राय ने इस जाँच में अहम भूमिका निभाई थी। पुलिस के मुताबिक उन सबने रास्ते से हटाने और फर्जी नियोजन की जाँच को प्रभावित करने की नियत से अजय राय की हत्या करवाई थी।

गोपालगंज के एसपी मनोज तिवारी ने बताया कि तीनों आरोपितों को मीरगंज थाने की सीमा के तहत खैरटिया गाँव से गिरफ्तार किया गया। पुलिस की पूछताछ में सभी ने अपना गुनाह कबूल किया है। वसीर और शाहबाज़ ने खुलासा किया कि कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के लिए जुल्फिकार ने उन्हें 3 लाख रुपए दिए थे।

पुलिस ने बताया कि बर्खास्त सरकारी शिक्षक जुल्फिकार एक निजी स्कूल चलाता है। उसकी पत्नी भी एक स्कूल में शिक्षक है। जुल्फिकार अली भुट्टो की साल 2005 में नियोजित शिक्षक के रूप में इसका चयन हुआ था। लेकिन शराब बेचने के मामले में विजयीपुर थाना पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद शिक्षा विभाग ने इसे बर्खास्त कर दिया। इससे पहले जुल्फिकार अली एक उमेश भगत नाम के व्यक्ति की हत्या करने के मामले में भी जेल जा चुका है।

तिवारी ने यह भी बताया कि जुल्फिकार अपने भतीजे के साथ नकली टीईटी प्रमाण पत्र बेचने में भी शामिल था। पुलिस ने बताया कि अजय की हत्या के पीछे शामिल अन्य शिक्षा माफिया को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है।

गौरतलब है कि वीआईबी जाली दस्तावेजों का उपयोग करके किए गए स्कूल शिक्षकों की बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी नियुक्तियों की जाँच कर रहा है। ब्यूरो ने राज्य भर में 903 शिक्षकों को मिलाकर 337 एफआईआर दर्ज किए हैं। जिनमें से 639 शिक्षकों की सेवाएँ शिक्षा विभाग द्वारा समाप्त कर दी गई हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया