मेरे गाल पर कीड़ा बैठ गया था इसलिए तिरंगे को सलामी नहीं दे रहा था: JDU विधायक शर्फुद्दीन

JDU के विधायक शर्फुद्दीन ने तिरंगे को नहीं दी सलामी

बिहार से जेडीयू विधायक शर्फुद्दीन की एक फ़ोटो बड़ी तेज़ी से वायरल हो रही है। इस फ़ोटो में वो तिरंगे को सलामी देते समय अपने बाएँ गाल पर हाथ रखे हुए हैं, जबकि आसपास खड़े प्रशासनिक अधिकारी व नेता लोग तिरंगे के सम्मान में सलामी देते दिख रहे हैं। इस फ़ोटो के वायरल होते ही सूबे में सियासत गर्मा गई है।

इस फ़ोटो पर जेडीयू विधायक ने तर्क दिया कि अचानक उनके गाल पर एक कीड़ा बैठ गया था, जिसे वो हटा रहे थे। ठीक इसी बीच किसी ने यह फ़ोटो खींच ली और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। विधायक शर्फुद्दीन के इस तर्क में कोई दम नहीं है क्योंकि यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है कि एक कीड़े की वजह से उन्होंने तिरंगे की शान में यह गुस्ताखी की, वो भी बाएँ हाथ से! लेकिन जेडीयू अपने इस विधायक के बचाव में पूरी तैयारी के साथ खड़ी है।

जेडीयू विधायक का तर्क, गाल पर बैठ गया था कीड़ा (तस्वीर आभार: दैनिक जागरण)

यह कहना ग़लत नहीं होगा कि नेताओं की इस तरह की हरक़त किसी भी तरह से क्षम्य नहीं है। राजनीतिक पार्टी ऐसे नेताओं के बचाव में इसलिए भी उतरती है क्योंकि वो अपने दामन में किसी की तरह का दाग लेना पसंद नहीं करती।

किसी पार्टी का अपने नेता के बचाव में उतरना तो एक हद तक समझ में आता है, लेकिन आश्चर्य तब होता है जब कोई न्यूज़ चैनल ऐसी हरक़त पर नेता का बचाव करता दिखता है। ऐसा ही कुछ NDTV ने भी किया है, जिसे देखकर लगता है कि जैसे इस विधायक को उसने अपनी ख़बर के ज़रिए एक तरह का सुरक्षा कवच प्रदान करने की कोशिश की हो।

दरअसल, हर मीडिया हाउस की ही तरह NDTV ने भी इस ख़बर का उल्लेख किया, लेकिन कुछ इस तरह जैसे विधायक के तर्क से वो पूरी तरह संतुष्ट हों। पहली बात तो यह कि NDTV ने विधायक की वो फ़ोटो ही नहीं लगाई जिसमें वो तिरंगे के समक्ष ऐसी ओछी हरक़त करते दिखे। दूसरी बात यह कि विधायक शर्फुद्दीन के कहे अनुसार उनके गाल पर एक कीड़ा बैठा था, जिसे वो हटा रहे थे। तो NDTV को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए थी कि विधायक के बाएँ गाल पर कीड़ा बैठा था न कि दाएँ गाल पर। जहाँ तक सवाल सलामी दिए जाने को लेकर है तो वो दाएँ हाथ से दी जाती है न कि बाएँ हाथ से।

NDTV ने अपनी ख़बर में नहीं लगाई जेडीयू विधायक की वायरल फ़ोटो

इस ख़बर से NDTV ने अपनी ‘ओछी’ पत्रकारिता का स्पष्ट प्रमाण दे डाला कि संवेदनशील मुद्दों के साथ खिलवाड़ कर कैसे वो अपने पाठकों और दर्शकों को ठगने का काम करता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया