दलित नाबालिग को रब्बान ने किया था अगवा, 100 दिन बाद भी सुराग नहीं: बेबस पिता की पुकार- कोई यह ही बता दे वह जिंदा है

दलित नाबालिग का सुराग नहीं (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र का एक गाँव है अंधरी। इसी थाना क्षेत्र के एक गाँव मुहम्मदपुर में पिछले दिनों सामूहिक हत्याकांड हुई थी, जिसकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर हुई थी। लेकिन, इसी थाना क्षेत्र के अंधरी के एक पिता की बेबसी यह है कि उसकी कोई सुन नहीं रहा। दरअसल, तीन महीने से ज्यादा हो गए जब इस पिता की नाबालिग बेटी को कथित तौर पर अगवा कर लिया गया था। उनका कहना है कि रोज पुलिस-प्रशासन से न्याय माँगने जाते हैं, लेकिन कोई सहयोग नहीं मिलता। निराशा के साथ वे घर लौटते हैं। कथित तौर पर पुलिस उनकी बेटी का पता लगाने की जगह उनसे कहती है कि जब उसकी कोई खबर मिले तो पुलिस को भी वे बता दें।

इस दलित नाबालिग लड़की को 17 फरवरी 2021 की शाम शौच जाते वक्त अगवा करने का आरोप गाँव के ही मोहम्मद रब्बान पर है। पीड़ित पिता के अनुसार उन्होंने अपने स्तर पर बहुत प्रयास किए कि किसी तरह रब्बान उनकी बेटी को घर छोड़ दे। लेकिन कोई कोशिश सफल नहीं हुई। आज तक उन्हें अपनी बेटी का कुछ पता नहीं चला है। गाँव वाले पीड़ित परिवार की हालत देख रब्बान के माता-पिता को वापस आने को कहते हैं, लेकिन वह भी वापस लौटकर कोई सहयोग नहीं करते और न बेटे के बारे में कुछ बताते हैं।

ऑपइंडिया से बात करते हुए नाबालिग के पिता कहते हैं, “मेहनत मजदूरी करके हमने अपनी बच्ची को पढ़ाया ताकि जहाँ जाए अच्छा जीवन जिए। हमें भी गर्व हो कि हमारी बेटी पढ़ी-लिखी है। लेकिन, अब हम सिर्फ दो छोटे लड़के हैं। घर में बिलकुल मातम छाया रहता है। सब मरे हालत में पड़े रहते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि वह अपनी मर्जी से गई। अगर ऐसा हुआ भी है तो भी तो हमें हमारी बेटी के बारे में पता चलना चाहिए। उसका अपहरण हुआ। हमें तो यही नहीं पता कि वह जिंदा है कि उसे मार कर फेंक दिया गया। वह आकर कोर्ट में अपना खुद बयान दे। हम ये जानना चाहते हैं कि वह ठीक है या नहीं।”

लड़की के पिता के अनुसार पुलिस की निष्क्रियता देख वे कई जगहों का दरवाजा खटखटा चुके हैं। लेकिन, हर जगह उन्हें झूठी तसल्ली देकर लौटा दिया जाता है। उनका आरोप है कि दूसरे पक्ष की ओर से पैसा देकर मामले को दबाने का प्रयास हो रहा है। वहीं एक मस्तान नाम का युवक (झाड़-फूँक करने वाला) है जो गाँव में हो रही हर कार्रवाई के बारे में लड़के के परिजनों को बताता है और उन्हें गाँव आने से रोकता है।

पीड़िता पिता के अनुसार, “वे गरीब हैं इसलिए उनकी सुनवाई नहीं हो रही।” उनका कहना है कि पुलिस से भी जब छापेमारी की बात कहते हैं तो पुलिस गाड़ी का खर्चा उठाने को कहती है। व पूछते हैं, “मेहनत मजदूरी करने वाला आखिर इतनी दूर-दूर जाने के लिए पैसा कहाँ से लाएगा।”

पीड़ित पिता के अनुसार, हाल में पुलिस उनके साथ मुजफ्फरपुर छापेमारी के लिए गई थी। लेकिन वहाँ न तो रब्बान का सुराग मिला और न ही उसके माता-पिता का। इस बीच किसी ने उन्हें सलाह दी कि यदि वह आरोपित पक्ष की जमीन कैप्चर करेंगे तो शायद वह लोग जमीन छुड़ाने के डर से लौट आएँ। मगर जब उन्होंने ऐसा कुछ करने का प्रयास किया तो वहाँ के अन्य मुस्लिमों ने कहा कि अगर लड़का या उसके माँ-बाप नहीं लौटे तो इस पर उनका अधिकार होगा न कि उनका (दलित व्यक्ति का)। वह पूछते हैं, “हमारी इज्जत के साथ खिलवाड़ हो गया और दूसरा पक्ष इस तरह की बातें कर रहा है। पुलिस भी रोक रही है।”

बता दें कि इस मामले में ऑपइंडिया ने 12 मार्च को एक विस्तृत रिपोर्ट की थी। पिता ने उस समय हमें घटना वाले दिन से जुड़ी हर जानकारी देते हुए पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष जताया था। आज 3 माह बाद भी स्थिति वही है। हमने इस संबंध में मामले के जाँच अधिकारी बीरेंद्र तिवारी से संपर्क किया।

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उन्होंने बताया कि वह खोजबीन में जुटे हुए हैं। कोई सुराग नहीं मिल सका है। जब हमने पीड़ित पिता के आरोपों पर जवाब माँगा कि उनके छापेमारी में आने वाले गाड़ी के खर्चे को उठाने के लिए कहा जाता है तो उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि थाने में 1-2 गाड़ी हैं। अभी हाल में उन्हें लेकर मुजफ्फरपुर गए थे। लेकिन जब वहाँ भी कोई सुराग नहीं मिला तो क्या करें। पीड़ित पिता के आरोपों को खारिज करते हुए जाँच अधिकारी का कहना है कि उनकी ओर से प्रयास हो रहा है। कुछ पता चलेगा तो फौरन कार्रवाई होगी।

इस मामले में पीड़ित पिता ने अपने क्षेत्र के विधायक विनोद नारायण झा से भी मदद माँगी है। हमने जब उनसे इस बाबत संपर्क किया तो वह बोले कि ये मामला उनके संज्ञान में है और ये बात बिलकुल सच है कि पुलिस अभी तक लड़की की रिकवरी नहीं कर पाई है। कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। इस बारे में एसपी से एक बार दोबारा बात की जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि लड़की मिल जाए।

उल्लेखनीय है कि पूरे मामले में पिता ने अपनी शिकायत में बताया है कि उनके गाँव के ही 22 साल के मोहम्मद रब्बान ने अपने अब्बा मोहम्मद साकिम व अम्मी के साथ मिलकर उनकी लड़की का शादी की नीयत से अपहरण किया। वह पहले भी उनकी बेटी से छेड़छाड़ करता था।