बिहार में EOU ने राख से खोजे NEET के सवाल, परीक्षा से पहले ही मोबाइल पर आ गया था उत्तर: पटना के एक स्कूल को बनाया था ‘सेफ हाउस’, गिरोह के 5 गिरफ्तार

बिहार में NEET पेपर लीक गिरोह के 5 सदस्य गिरफ्तार

मेडिकल अभ्यर्थियों के लिए आजकल अच्छी खबरें आ नहीं रही हैं। पहले तो NEET UG की परीक्षा का पेपर लीक हो गया और इसकी जाँच CBI को सौंपने के अलावा NTA अध्यक्ष को हटाना पड़ा, वहीं दूसरी तरफ NEET PG की परीक्षा रद्द होने के कारण कई डॉक्टर नाराज़ हैं। अब बिहार पुलिस की ‘आर्थिक अपराध इकाई (EOU)’ ने रविवार (23 जून, 2024) को पेपर लीक गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया। बलदेव कुमार उर्फ़ चिंटू को झारखंड के देवघर से दबोचा गया है।

परीक्षा वाले दिन यानी 5 मई को सुबह-सुबह ही उसके मोबाइल फोन पर NEET की परीक्षा का पेपर उत्तर के साथ ही PDF फॉर्मेट में आ गया था। रविवार को ऐसे 5 लोग गिरफ्तार हुए हैं। इन सभी को पटना की अदालत में पेश किए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसका सरगना संजीव कुमार फरार चल रहा है, बलदेव उसी का साथी है। बलदेव नालंदा के बिहारशरीफ का रहने वाला है। अन्य गिरफ्तार आरोपितों में मुकेश, राजीव और परमजीत सिंह उर्फ़ बिट्टू शामिल हैं।

मुकेश अगमकुआँ का रहने वाला है, जबकि परमजीत नालंदा के छबीलापुर का निवासी है। पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र स्थित नंदलाल छपरा स्थित लर्न बॉयज हॉस्टल एन्ड प्ले स्कूल में आंशिक रूप से जले हुए कागज़ात भी मिले हैं। इसी स्कूल में लीक हुए प्रश्नपत्र की कॉपी जलाई गई थी, FSL को नमूने जाँच के लिए भेजे गए थे। इनमें से 68 सावल असली प्रश्न-पत्र से मैच करते हुए मिले हैं। बलदेव ने उम्मीदवारों को उत्तर रटाए और उन्हें परीक्षा केंद्र तक पहुँचाने की भी व्यवस्था की। इसके लिए टैक्सी का इस्तेमाल किया गया। अब ये मामला CBI को सौंपा जाएगा।

‘मुखिया गैंग’ ने झारखंड के हजारीबाग स्थित एक स्कूल से प्रश्न-पत्र हासिल किया था। इसका नाम Oasis प्ले स्कूल है। जले हुए प्रश्नपत्र के कुछ हिस्सों को NTA के प्रश्न-पत्र से मैच कर के इसकी पुष्टि की गई। 15 अभ्यर्थियों से भी पूछताछ की जा रही है। CBI का 2 सदस्यीय दल जाँच के लिए बिहार पहुँच भी चुका है। पुलिस ने हजारीबाग स्थित SBI और ब्लू डार्ट कुरियर सर्विस वालों से भी पूछताछ की है। एक संगठित गिरोह ये काम कर रहा था, जो बिहार के बाहर से काम करता है।

हर परीक्षा केंद्र का एक यूनिक कोड होता है, जले हुए प्रश्न-पत्रों में मिले कोड से ही पता चला कि ये हजारीबाग के स्कूल का है। EOU की सिफारिश पर ही बिहार पुलिस ने CBI जाँच की अनुशंसा की थी। न सिवफ सवाल, बल्कि सवालों के सीरियल नंबर भी ओरिजिनल प्रश्न-पत्र से मैच कर रहे हैं। NTA अब तक प्रश्न-पत्र साझा करने से बच रही थी, इसी कारण EOU को मैच करने में देरी हुई। Oasis स्कूल का प्रधानाध्यापक एहसानुक हक़ है। उनका कहना है कि छात्रों के सामने ही सीलबंद लिफाफा खोला गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया