बिहार में नीतीश सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे 2000+ शिक्षक अभ्यार्थी, पुलिस ने लाठियाँ भाँजी: कई घायल, 18 हिरासत में

शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज (फोटो साभारः LiveHindustan)

बिहार में होने वाली शिक्षक भर्ती के नियमों में संशोधन का विरोध कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। साथ ही 18 लोगों को हिरासत में लिया। दरअसल, बिहार सरकार ने शिक्षक भर्ती में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को छूट दी है। इसका बिहार में विरोध हो रहा है। इस मामले में BJP राज्य सरकार पर हमलावर है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिक्षक भर्ती के नियमों में संशोधन के विरोध में 2000 से अधिक अभ्यर्थी शनिवार (1 जुलाई 2023) को पटना के गाँधी मैदान में एकजुट हुए थे। इसके बाद अभ्यर्थी हाथों में तिरंगा लेकर पैदल मार्च करते हुए नीतीश सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। हालाँकि पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकने में लगी हुई थी। लेकिन वे आगे बढ़ते जा रहे थे। 

इसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज तेज करते हुए अभ्यर्थियों को पटना जंक्शन तक खदेड़ दिया। पुलिस की लाठीचार्ज से प्रदर्शन कर रहे कई अभ्यर्थी घायल हुए। वहीं, पुलिस ने 2 महिला अभ्यर्थियों समेत कुल 18 लोगों को हिरासत में लिया। कई लोग घायल भी हुए हैं।

बता दें कि इससे पहले शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार को पुराना नियम लागू करने के लिए 72 घण्टे का अल्टीमेटम दिया था। यह समय सीमा पूरी होने के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया

बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों में से एक अभ्यर्थी अभिषेक झा ने दैनिक भास्कर से हुई बातचीत में कहा है कि सरकार को 72 घंटे का समय दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी माँगे पूरी नहीं की गईं। सीएम नीतीश कुमार को डोमिसाइल नीति लागू करना ही होगा। शिक्षा मंत्री को अगर यह लगता है कि योग्य शिक्षक की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भर्ती निकाली जाएगी तो वह आगे यह भी कह सकते हैं कि भर्ती को अंतरराष्ट्रीय कर दिया जाए। ताकि ब्रिटेन और अमेरिका के लोग भी यहाँ आकर शिक्षक बन सकें।

BJP ने खोला मोर्चा

शिक्षक भर्ती के नियमों में संशोधन को लेकर भाजपा नीतीश सरकार पर हमलावर है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुश्ती सिन्हा ने कहा है कि पहले तो अभ्यर्थियों को भटकाया और बरगलाया गया। लेकिन चरवाहा विद्यालय के लोगों के साथ सरकार बनाने के बाद शिक्षकों की नौकरी समाप्त करने की हो रही रही है। शिक्षक भर्ती की नीति में बार-बार संशोधन किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री कहते हैं कि राज्य में योग्य शिक्षक नहीं है। उन पर धिक्कार है वह बिहार का अपमान कर रहे हैं। सरकार सिर्फ चाचा-भतीजावाद के नाम पर लोगों को बरगलाना चाहती है। ये लोग भर्ती के नाम पर वसूली कर बाहर के लोगों से माल कमाना चाहते हैं। यह सब दुःखद है। इस मुद्दे पर भाजपा सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी।

क्या है मामला…

दरअसल, बिहार में 1.70 लाख अभ्यर्थियों की भर्ती होनी है। इस भर्ती के नियमों में बिहार सरकार अब तक कई बार संशोधन कर चुकी है। सबसे बड़ा संशोधन डोमिसाइल यानी निवास प्रमाण पत्र को लेकर किया गया संशोधन है। इस संशोधन के बाद बिहार के अलावा अन्य राज्यों के अभ्यर्थी भी शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकेंगे। इसके खिलाफ ही बिहार के अभ्यर्थी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि डोमिसाइल नीति में संशोधन होने से दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को नौकरी मिल जाएगी और बिहार के लोग बेरोजगार रह जाएँगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया