बंद मदरसे में मिली 14 साल के बच्चे की लाश, हाथ-पैर बँधे थे और खून से लथपथ था चेहरा: घर से कटहल लाने निकला था

विलाप करते परिजन और दाएँ, मृत नाबालिग (साभार: दैनिक भास्कर)

बिहार में एक बंद मदरसे से 14 साल के बच्चे की लाश मिली है। घटना पूर्णिया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मंझेली स्थित मदरसा नुरुल होदा की है। शनिवार रात यहॉं से लौवा कुंड गाँव के शोएबुर का शव मिला।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक घटना वाले दिन शोएबुर अपनी माँ से कटहल लाने की बात कहकर घर से निकला था। बाद में उसकी लाश उस मदरसे से मिली, जहाँ वो आम दिनों में पढ़ने जाता था। बताया जा रहा है कि शोएबुर का चेहरा खून से लथपथ था। बगल में खून के धब्बे पड़े हुए थे। उसका हाथ-पैर बेंच से बँधे थे और सिर पर भी गहरे जख्म के निशान थे।

खबरों के अनुसार, तसलीम ने अपने भाई की हत्या का आरोप लगाया है। उसने बताया, “जब शाम को दुकान बंद कर मैं घर जा रहा था तो मेरी माँ ने मुझे फोन पर पूछा कि शोएबुर तुम्हारे साथ है? मैंने कहा कि नहीं वह मेरे साथ नहीं है। माँ ने बताया कि वह घर से कटहल लाने की बात कहकर गया था, लेकिन अबतक वापस नहीं लौटा है। इसके बाद हमलोगों ने उसकी तलाश शुरू की।”

प्रभात खबर के पूर्णिया संस्करण में प्रकाशित खबर

तसलीम के मुताबिक, भाई को ढूँढने के दौरान उन्हें रास्ते में एक युवक ने बताया कि शोएबुर को उसने मंझेली मदरसा के पास कुछ घंटे पहले देखा था। इसके उन्होंने उसे मदरसा के अंदर जाकर ढूँढना शुरू किया। शोएबुर को खोजते हुए वे मदरसे के पीछे स्थित कटहल के पेड़ के समीप गए, जहाँ उन्होंने उसकी चप्पल देखी। तभी दूसरे भाई की नजर खून के धब्बों पर पड़ी। आगे जाकर देखा तो उन्हें वहाँ शोएबुर का शव दिखा। रिपोर्ट्स के अनुसार, मृतक के भाई का दावा है कि जब शोएबुर का शव उन्हें मिला, तब उसके हाथ और पैर रस्सी से बँधे थे।

मदरसा में छात्र की लाश मिलने की खबर सुनते ही लोगों की भीड़ लग गई थी। घटना की जानकारी मिलते ही मुफस्सिल थानाध्यक्ष घटनास्थल पर पहुँचे थे और शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया था।

दैनिक भास्कर के अनुसार, डीएसपी आनंद पांडेय ने बताया कि पुलिस सभी बिन्दुओं पर जाँच कर रही है। जल्द ही अपराधी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि मदरसा लॉकडाउन के बाद से बंद पड़ा था। मदरसा के हेड मौलवी मोहम्मद अवेदूर रहमान ने ने बताया कि उन्हें शनिवार को साढ़े 10 बजे रात में ग्रामीणों द्वारा लाश मिलने की खबर मिली। इसके बाद मदरसे के अन्य शिक्षकों को वहाँ भेजा गया।

हेड मौलवी ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से मदरसा बंद था। 30 मई से हमलोग मदरसा आते हैं और दोपहर में वापस चले जाते है। मदरसा में पढ़ाई का काम फिलहाल बंद है, सिर्फ ऑफिस खोला जाता है। मदरसा में फिलहाल कोई नहीं रहता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया