‘किसानों के ट्रैक्टर जानते हैं संसद का रास्ता’: राकेश टिकैत ने दी धमकी, पटियाला में प्रदर्शनकारियों ने किया BJP नेता पर हमला

BKU नेता राकेश टिकैत (बाएं) और पुलिस वालों के बीच भाजपा नेता भूपेश अग्रवाल (दाएं) (फोटो : ANI)

कृषि सुधार कानूनों के मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत अब धमकी देने पर उतारू हो गए हैं। टिकैत ने सरकार को धमकाया है कि अगर इस बार कानून रद्द नहीं किया गया तो किसानों के ट्रैक्टर लाल किले के अलावा संसद का भी रास्ता जानते हैं। इसके अलावा पंजाब के पटियाला में किसानों ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर हमला कर दिया। भाजपा नेताओं ने पुलिस के इशारे पर किसानों के द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया है।

कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन पर पहुँचने के बाद टिकैत ने कहा कि किसान संगठन सरकार के साथ बातचीत को हमेशा तैयार रहते हैं लेकिन सरकार की शर्तों पर बातचीत नहीं होगी। टिकैत ने सरकार को सितंबर तक का समय देते हुए धमकी भरे अंदाज में कहा कि सरकार किसानों की बात मानकर कृषि कानूनों को रद्द करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाए अन्यथा इस बार संघर्ष और भी बड़ा होगा। इसके अलावा टिकैत ने यह भी कहा कि किसानों के ट्रैक्टर अगर लाल किले का रास्ता जानते हैं तो संसद का भी रास्ता उन्हें पता है।

ज्ञात हो कि इसी साल 26 जनवरी को किसानों का आंदोलन उग्र हो गया था और प्रदर्शनकारी तेज रफ्तार में ट्रैक्टर लेकर लाल किले तक पहुँच गए थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की ओर से दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में तोड़फोड़ भी की गई थी। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने लालकिले पर दूसरा झंडा भी फहरा दिया था। प्रदर्शनकारी किसानों ने लाल किले के फाटक पर रस्सियाँ बाँधकर इसे गिराने की कोशिश भी की थी। इसके अलावा सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ कुछ किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा मारपीट और हाथापाई के वीडियो भी सामने आए थे।

वहीं दूसरी ओर पंजाब के पटियाला जिले राजपुरा से किसानों द्वारा कथित तौर पर भाजपा नेताओं के साथ मारपीट का मामला सामने आया। प्रदर्शनकारी किसानों के द्वारा भाजपा नेता भूपेश अग्रवाल और अन्य नेताओं के साथ मारपीट की गई है।

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अग्रवाल ने डीएसपी तिवाना पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हीं के कहने पर 500 किसानों के द्वारा उनके साथ मारपीट की गई है। अग्रवाल ने बताया कि तिवाना ने उन्हें जानबूझकर दूसरी तरफ भेज दिया था जहाँ उनके साथ कोई पुलिस बल नहीं था। अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने कई बार एसएसपी को फोन करने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हालाँकि डीएसपी जेएस तिवाना ने भाजपा नेता के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनके सामने ऐसी कोई घटना नहीं हुई और संभव है कि उन्हें बाद में घेर लिया गया हो।

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इसके अलावा बीते 29 जून 2021 को भी तथाकथित किसान प्रदर्शनकारियों और भाजपा नेताओं के बीच उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर भिड़ंत हो गई थी। इसके बाद भाजपा नेता अमित बाल्मीकि की शिकायत पर 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ कौशाम्बी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। बताया जा रहा है कि झड़प के दौरान पुलिस ने वीडियो भी बनाया था, जिसके आधार पर आरोपितों की शिनाख्त की जा रही थी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि बड़ी संख्या में मौजूद ‘किसानों’ ने पहले गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए और फिर कार्यकर्ताओं पर तलवार, भाले, लाठी-डंडों से हमला कर दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया