चंदा कोचर और उनके पति को रिहा करने का आदेश: बॉम्बे हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी को बताया अवैध, ICICI बैंक में ₹3250 करोड़ के घपले का मामला

अपने बेटे के साथ चंदा कोचर और दीपक कोचर (फाइल फोटो, साभार: ET)

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ICICI Bank और Videocon (वीडियोकॉन) लोन धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा गिरफ्तार पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर न्यायिक हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि दोनों की गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं है।

कोचर परिवार के वकील रोहन दक्षिणी ने कहा, “अदालत ने उन्हें इस आधार पर जमानत दी कि यह गिरफ्तारी अवैध थी, क्योंकि वे धारा 41A के तहत जारी नोटिस के अनुपालन में सीबीआई के सामने पेश हुए थे। इसके तहत पेश होने वाले व्यक्ति को तब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, जब तक यह नहीं पाया जाए कि वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं।”

वकील ने कहा कि CBI कोर्ट को साबित नहीं कर पाई कि दोनों सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी वैध है। इस मामले में कोर्ट ने दोनों आरोपितों पर एक-एक लाख के नकद बेल का आदेश दिया। वहीं, CBI ने दोनों को रिहा करने का कोर्ट में विरोध किया।

बता दें कि सीबीआई ने बैंक लोन मामले में कोचर दंपति को 25 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इससे पहले कोचर दंपति कोर्ट से इस आधार पर अंतरिम राहत की माँग कर रहे थे कि उनके बेटे की इसी महीने शादी है। हालाँकि जब कोर्ट ने इस आधार पर राहत नहीं दी तो उन्होंने गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए याचिका दायर की।

कोचर परिवार ने अदालत में तर्क दिया कि सीबीआई की गिरफ्तारी मनमानी और अवैध थी। परिवार ने कोर्ट को बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 46 (4) का अनुपालन किए बिना उन्हें गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उस दौरान कोई भी महिला पुलिस अधिकारी उपस्थित नहीं थी।

उधर, CBI ने कोर्ट में कोचर परिवार की रिहाई का विरोध किया। उसका कहना है कि उसने कानून का किसी तरह का उल्लंघन नहीं किया है। कहा जा रहा है कि बॉम्बे कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ CBI सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जा सकती है।

बेटे अर्जुन कोचर की शादी के लिए आलीशान होटल

पहली बार याचिका रद्द होने के बाद चंदा कोचर और दीपक कोचर के बेटे अर्जुन कोचर की शादी कैंसिल करने की खबर आई थी। अर्जुन की शादी के लिए मुंबई की एक इवेंट कंपनी की तरफ से जैसलमेर में 2 आलीशान होटलों को बुक कराया गया था।

इसके अलावा शादी में मेहमानों को एयरपोर्ट से लाने और जैसलमेर की सैर करवाने के लिए 150 लग्जरी गाड़ियों की भी व्यवस्था की गई थी। सूत्रों के मुताबिक तीन महीने पहले से ही जैसलमेर में विवाह की तैयारी चल रही थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक चंदा कोचर के बेटे अर्जुन की शादी एक बिजनेस घराने से संबंध रखने वाली संजना नाम की लड़की के साथ तय हुई है। 7 जनवरी 2023 को मुंबई के ताज होटल में शादी की प्री-मैरिज पार्टी आयोजित की गई थी। इसके लिए मेहमानों को आमंत्रण भी दे दी गई थी।

बेटे अर्जुन के अलावा चंदा कोचर और दीपक कोचर को एक बेटी भी है। बेटी आरती की शादी साल 2014 में हो चुकी है। बेटे अर्जुन (26 साल) ने अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।

क्या है मामला

CBI ने पति-पत्नी की गिरफ्तारी ICICI बैंक और वीडियोकॉन लोन धोखाधड़ी के मामले में की थी। चंदा कोचर के समय ICICI बैंक ने वीडियोकॉन को 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया था, जो बाद में नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) हो गए। NPA को साधारण भाषा में कहें तो ये पैसे डूब गए।

ICICI बैंक ने 2009 से 2012 तक वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया था। इसमें से 86 प्रतिशत (करीब 2810 करोड़ रुपए) ऋण वीडियोकॉन ने नहीं चुकाए। इसके बाद साल 2017 में इस लोन को ICICI बैंक ने NPA खाते में डाल दिया। उस समय बैंक की प्रमुख चंदा कोचर थीं।

आरोप है कि चंदा कोचर ने वीडियोकॉन को यह लोन इस शर्त पर दिया था कि वीडियोकॉन चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी में निवेश करेगा। वीडियोकॉन ग्रुप के पूर्व चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कोचर की कंपनी नूपावर रिन्यूएबल में लोन के पैसे से करोड़ों रुपए का निवेश किया था।

वीडियोकॉन को लोन की मंजूरी देने वाली कमिटी में चंदा कोचर खुद शामिल थीं। बाद में यह मामला सामने आया तो बवाल हो गया। CBI ने 24 जनवरी 2019 को FIR दर्ज की और उसमें चंदा, उनके पति दीपक और वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत को आरोपित बनाया।

दरअसल, यह मामला तब सामने आया, जब ICICI Bank और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने फ्रॉड का आरोप लगाया था। अरविंद गुप्ता ने साल 2018 में प्रधानमंत्री, भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी (SEBI) को पत्र लिखकर वीडियोकॉन के एमडी धूत और ICICI Bank की सीईओ चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुँचाने का आरोप लगाया था।

कोचर परिवार के बुरे दिन की शुरुआत

इस कार्रवाई के बाद बैंक ने अप्रैल 2009 से मार्च 2018 के बीच चंदा कोचर को दिए गए सभी बोनस को वापस ले लिया। फरवरी 2019 में बैंक ने चंदा कोचर को टर्मिनेशन लेटर देकर उन्हें पद से हटा दिया। फिलहाल मामले की जाँच CBI, ED, SFIO और आयकर विभाग जाँच कर रही है।

जनवरी 2020 में ED ने कोचर परिवार की 78 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति की थी। उस दौरान ED ने पूछताछ के बाद दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद पिछले साल फरवरी में स्पेशल PMLA कोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 5 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी थी। कोर्ट ने देश से बाहर जाने पर रोक लगा दिया था।

महिला सशक्तिकरण की प्रतीक थीं चंदा कोचर

एक समय था जब चंदा कोचर को भारत में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक माना जाता था। उन्‍हें ICICI  बैंक को ऊँचाइयों पर पहुँचाने वाली महिला के रूप में भी याद किया जाता है। विश्व की प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स ने उन्‍हें दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया था।

चंदा कोचर भारत में किसी बैंक की CEO बनने वाली पहली महिला थीं। बैंकिंग सेक्टर में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने चंदा कोचर को देश के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री और पद्म भूषण से भी सम्मानित किया है।  

कभी कमाती थी एक दिन में 2.18 लाख रुपए

जब मामले का खुलासा हुआ था, तब चंदा कोचर का एक दिन का वेतन करीब 2.20 लाख रुपए था। धोखाधड़ी, रिश्वत, मनी लॉन्ड्रिंग और NPA से जुड़े इस मामले ने चंदा कोचर के स्वर्णिम करियर को बर्बाद कर दिया।

चंदा कोचर ने साल 1984 में इंडस्ट्रियल क्रेडिट एवं इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में ज्वॉइन किया था। उस समय यह बैंक नहीं था। साल 1994 में ICICI बैंक बना। चंदा कोचर कोर टीम का हिस्‍सा बनीं और वह मैनेजमेंट ट्रेनी से सीधे सहायक जनरल मैनेजर बन गईं।

चंदा कोचर मैनेजमेंट ट्रेनी से डिप्टी जनरल मैनेजर बनीं, फिर डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर बनीं। साल 2009 में वह बैंक की प्रबंध निदेशक (Managing Director) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बनीं। अपने पति की कंपनी को फायदा पहुँचाने के लिए चंदा कोचर ने वीडियोकॉन के साथ मिलकर इस बैंक फ्रॉड को अंजाम दे दिया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया