ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के निधन पर भारत में भी 1 दिन का शोक, आधा झुका रहेगा राष्ट्रध्वज

एलिजाबेथ के निधन पर पीएम मोदी ने जताया शोक (साभार: आज तक)

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का गुरुवार (8 सितंबर 2022) को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया। उनकी उम्र 96 साल थी। महारानी एलिजाबेथ की मौत पर भारत ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म 21 अप्रैल 1926 को हुआ था। अपने पिता जॉर्ज षष्टम की मौत के बाद वर्ष 1952 में वह ब्रिटेन की महारानी बनी थीं। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 25 साल थी। अब महारानी की मौत के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स को ब्रिटेन का राजा बनाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में भी महारानी के मौत पर शोक व्यक्त करते हुए देश भर में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि भारत में 11 सितंबर को राष्ट्रीय शोक रहेगा। यानि की आने वाले रविवार के दिन महारानी एलिजाबेथ के सम्मान में भारत का राष्ट्रध्वज आधा झुका दिया जाएगा।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी मौत पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, “महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने अपने राष्ट्र और लोगों को प्रेरक नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता का परिचय दिया। उनके निधन से आहत हूँ। दुखद की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं।”

पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “2015 और 2018 में यूके की अपनी यात्राओं के दौरान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ मेरी यादगार मुलाकातें हुईं। मैं उनकी गर्मजोशी और दयालुता को कभी नहीं भूलूँगा। एक बैठक के दौरान उन्होंने मुझे वह रूमाल दिखाया जो महात्मा गाँधी ने उनकी शादी में उपहार में दिया था। मैं उस भाव को हमेशा संजो कर रखूँगा।”

गौरतलब है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय न सिर्फ ब्रिटेन की महारानी थीं, बल्कि इसके अलावा वे 14 अन्य देशों की भी महारानी थीं। इस सूची में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जमैका, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन आइलैंड्स, तुवालू, सैंट लूसिया, सेंट विंसेट एंड ग्रेनेजियन्स, एंटीगुआ और बारबुडा, बेलिज, सेंट किट्स एंड नेविस शामिल हैं।

एलिजाबेथ द्वितीय इन देशों की सिर्फ सांकेतिक महारानी थीं। यहाँ के शासन या सरकार में उनका कोई हस्तक्षेप नहीं था। इनमें कुछ देश बाद में अलग होकर खुद को गणतंत्र घोषित कर दिया। जब एलिजाबेथ महारानी बनी थीं, तब वह 54 देशों की महारानी थीं। इन देशों में पाकिस्तान भी शामिल था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया