हिन्दू युवती के पिता का आरोप मुश्ताक मलिक के परिवार ने किया अपहरण: पुलिस ने नकारा ‘लव जिहाद’ एंगल, जाँच जारी

प्रतीकात्मक चित्र (साभार - Free Press Journal)

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित स्याना नगर में ग्रूमिंग जिहाद का मामला सामने आया है जिसमें एक मुस्लिम युवक ने 21 साल की हिन्दू युवती का उसके घर से अपहरण कर लिया। युवती के परिजनों द्वारा दर्ज की गई शिकायत में उनका कहना है कि पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम परिवार ने उनकी बेटी का अपहरण किया है और उसकी जान को ख़तरा है। 

दर्ज कराई गई शिकायत में लड़की के पिता ने आरोप लगाया है कि 24 नवंबर को दो मुस्लिम लड़कियाँ उनके घर आई थीं। बाद में दोनों लड़कियों (हिना, लाइबा) ने उनकी बेटी को अपने साथ चलने के लिए कहा और फिर वह चली गई। जब उनकी बेटी शाम तक घर वापस नहीं आई तब उन्होंने अपनी बेटी को खोजना शुरू किया। 

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युवती के माता पिता ने शिकायत में यह भी कहा कि उनके परिवार के परिचित राकेश कुमार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक़ उनकी बेटी को पिछली बार फैज़ल, अरशद और सोनू के साथ एक कार में देखा गया था। उस कार को शहर से बाहर जाते हुए देखा गया था। हिना और लाइबा समेत नामित तीनों युवकों के पिता का नाम मुश्ताक मलिक है। ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद) का आरोप लगाते हुए युवती के पिता ने कहा फैज़ल, अरशद और सोनू उनकी बेटी को ले गए हैं और उसकी जान ख़तरे में है। उन्होंने यह भी कहा कि तीनों युवकों की आपराधिक पृष्ठभूमि भी है। 

पुलिस ने खारिज किया ‘ग्रूमिंग जिहाद’ एंगल

दूसरी तरफ पुलिस ने ग्रूमिंग जिहाद या जबरन अपहरण के पहलू को नकारते हुए कहा है कि हिन्दू युवती मुस्लिम युवक के साथ पहले से ही रिलेशनशिप में थी। एसएसपी संतोष कुमार सिंह का इस मुद्दे पर कहना है कि युवती का कथित आरोपित के साथ संबंध था। इसके बाद ग्रूमिंग जिहाद की बात को नकारते हुए उन्होंने कहा कि युवती उस युवक के साथ मर्ज़ी से गई है। 

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युवती के घर वालों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने फैज़ल, इरशाद, सोनू, हिना, लाइबा और मुश्ताक मलिक पर अपहरण के दौरान मदद करने के लिए मामला दर्ज कर लिया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 120 और 366 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले से जुड़े कई लोगों से पूछताछ कर रही है और आरोपित के परिवारों वालों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। 

अभी तक यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई है कि जब पुलिस इस मामले में ग्रूमिंग जिहाद का पहलू खारिज कर चुकी है तब आरोपित के परिजनों को पूछताछ के लिए हिरासत में क्यों लिया। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि फ़िलहाल मामले की जाँच चल रही है और तमाम तथ्य सामने आने हैं इसलिए पुलिस कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं कर रही है।  

‘लव जिहाद’ के विरुद्ध यूपी सरकार का क़ानून

पिछले कुछ समय में देश के कई क्षेत्रों में ग्रूमिंग जिहाद/लव जिहाद के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। इस तरह के मामलों में शादी के दौरान जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार क़ानून लेकर आ रही है। 24 नवंबर को योगी सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया था जिसकी मदद से शादी के दौरान जबरन या धोखा देकर कराया जाने वाला धर्मांतरण रोका जा सके। 

इस अध्यादेश का नाम  ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल और 15 हज़ार रुपए तक का आर्थिक जुमाना हो सकता है। इसके पहले प्रदेश के गृह मंत्रालय ने इस अध्यादेश के संबंध में राज्य के ही क़ानून विभाग को एक प्रस्ताव भेजा था।       

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया