कई दिनों से जिसका डर जताया जा रहा था, आख़िर वही हुआ। सीएए विरोध के नाम पर शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारी कई दिनों से धरने पर बैठे हुए थे और लगातार नियम-क़ानून को धता बता रहे थे। हाल के दिनों में उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव व सावधानी को लेकर सरकार, डॉक्टरों व विशेषज्ञों की सलाहों को धता बताया था। किसी ने कहा था कि ये क़ुरान का वायरस है जो मजहब के लोगों को कुछ नहीं करेगा, तो किसी ने पूछा था कि क्या गारंटी है कि भीड़ न जुटाने से कोरोना वायरस नहीं होगा? अब जहाँगीरपुरी में 2 प्रदर्शनकारियों को कोरोना वायरस ने अपना शिकार बना लिया है।
पहले उक्त प्रद्रशनकारी की बहन को कोरोना हुआ था, जिसके बाद उसे भी कोरोना वायरस के टेस्ट के दौरान पॉजिटिव पाया गया। प्रदर्शनकारी की बहन 11 मार्च को सऊदी अरब से आई थी। वो इस्लामी तीर्थयात्रा के लिए गई थी। इस मजहबी तीर्थयात्रा को ‘उमराह’ कहा जाता है, जिसे साल में कभी भी कर सकते हैं और ये सबके लिए अनिवार्य भी नहीं होता। सऊदी अरब ने हाल ही में सभी प्रकार की मजहबी तीर्थयात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि इससे कोरोना के फैलने का ख़तरा है।
प्रदर्शनकारी ने दावा किया कि उसी बहन से जब उसने मुलाक़ात की थी, उसके 2 दिनों के बाद उसे कोरोना हुआ। वो अपनी बहन से मिलने के बाद भी प्रदर्शन स्थल पर जाता रहा। हालाँकि, उसने दावा किया है कि कोरोना के लक्षण दिखाई देते ही उसने हॉस्पिटल में संपर्क किया और सारी जानकारियाँ दी। 35 वर्षीय तबरेज को 16 मार्च को कफ आने के बाद कोरोना के लक्षण का शक हुआ। फिर जब उसे क्वारंटाइन कर के जाँच किया गया तो पता चला कि उसे भी कोरोना वायरस ने जकड़ लिया है। चूँकि सीएए विरोधी आंदोलन में कई लोग जा रहे हैं और वो लोग वहाँ से निकलने के बाद अपने परिवार व अन्य लोगों से मिलते होंगे, शाहीन बाग़ अब पूरी दिल्ली के लिए ख़तरा बन चुका है।
https://twitter.com/TimesNow/status/1241239665945935872?ref_src=twsrc%5Etfwअब तक दिल्ली में कोरोना वायरस के 17 मामले आ चुके हैं, जिनमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने कई बार जाकर समझाया लेकिन वो नहीं माने। उन्होंने वहाँ से हटने से इनकार कर दिया। तबरेज ने दावा किया है कि उसकी बहन ने कभी किसी सीएए प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया है। पूरे भारत में ख़बर लिखे जाने तक कोरोना वायरस के 279 मामले आ चुके हैं, जिनमें से 23 लोग अब तक इलाज के बाद ठीक भी हुए हैं।