छत्तीसगढ़ में गरीबों के 125 PM आवास पर मुस्लिमों का कब्जा, मजार जैसा ढाँचा तैयार कर झाड़-फूँक: रिपोर्ट में बताया- आते हैं बांग्लादेशी-रोहिंग्या भी

बिलासपुर का पीएम आवास के तहत बने मकान (साभार: दैनिक भास्कर)

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए बनवाए गए घरों पर अवैध कब्जा करने मामला सामने आया है। सामने आया है कि 125 से ज्यादा मकानों पर मुस्लिम समुदाय के लोग कब्जा करके उसमें अवैध रूप से रह रहे हैं। इतना ही नहीं, उन मकानों में गुंबद बनाकर उसे मस्जिद-मजार आदि का रूप दे दिया गया है और इसमें झाड़-फूँक का काम किया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नगर निगम सीमा क्षेत्र के वार्ड संख्या 43 देवरीखुर्द में साल 2013 में हाउसिंग बोर्ड ने 400 प्रधानमंत्री आवास बनवाए थे। जिनके पास घर नहीं थे, उन परिवारों को 335 आवास आवंटित किए गए। बाकी बचे हुए 65 मकानों पर नगर निगम ने ताला लगा दिया था। इसके बाद धीरे-धीरे बाहरी लोग आए और इन 65 मकानों के ताले तोड़कर उसमें रहने लगे।

इतना ही नहीं, जिन 335 परिवारों को मकान आवंटित किए गए थे, उनमें से 60 परिवारों को डरा-धमकाकर उनके मकानों पर भी अवैध कब्जा कर लिया गया। इसके बाद इन मकानों में अवैध निर्माण करके उनमें गुंबद बनाकर इस्लामी पहचान दे दी गई। इसके साथ ही झाड़-फूँक का काम शुरू कर दिया गया। यहाँ झाड़-फूँक के जरिए रुहानी और जिस्मानी तकलीफों को दूर करने का दावा किया जाता है। 

आवंटित मकान पर अवैध कब्जा (साभार: दैनिक भास्कर)

न्यूज 18 की रिपोर्ट में सामने आया है कि यहाँ के मकान नंबर 199 और 200 में मजारनुमा संरचना बनाकर झाड़-फूँक की जाती है। ये दोनों मकान शंकर धरु और सुखदेव के नाम पर आवंटित हैं। इन दोनों मकानों में कब्जा करके जाकिर खान रह रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहाँ रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुस्लिम भी पहुँचते हैं।

स्थानीय लोगों कहना है कि प्रधानमंत्री आवास के ज्यादातर मकानों को बेच दिया गया है। हालाँकि, इसके प्रावधान कहते हैं कि इन मकानों को बेचा नहीं जा सकता है। वहीं, ज्यादातर मकानों में लोग अवैध कब्जे करके रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहाँ के 125 से अधिक मकानों पर अवैध कब्जा कर रखा गया है। यहाँ बाहरी लोगों की आवाजाही लगी रहती है।

हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के अध्यक्ष बीपी सिंह कहना है कि प्रधानमंत्री आवास में पिछले कुछ सालों से मजार जैसा ढाँचा बना दिया गया है और उसकी आड़ में असामाजिक लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। यहाँ तालापारा के लोग आकर शराबखोरी करते हैं। उन्होंने बताया कि देवरीखुर्द में बांग्लादेश और उत्तर प्रदेश के लोग रह रहे थे, लेकिन उनका वेरीफिकेशन तक नहीं किया गया है।

बीपी सिंह ने कहा कि यहाँ बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिनके पास न तो वोटर आईडी कार्ड है और न ही राशन कार्ड है। उन्होंने कहा कि नगर निगम प्रशासन से यहाँ रहने वाले लोगों का सत्यापन करने और अवैध रूप से रहने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन से मजार को हटाने के लिए भी कई बार माँग की जा चुकी है।

मामले ने जब तूल पकड़ा तो नगर निगम के कार्यपालक अभियंता सुरेश बरूआ ने कहा कि देवरीखुर्द के प्रधानमंत्री आवास में अवैध निर्माण की जानकारी उन्हें मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास के निर्माण में बदलाव करना गलत है। इस मामले में कब्जाधारियों को नोटिस जारी करके अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।

इतना ही नहीं, यहाँ लव जिहाद का मामला भी सामने आ चुका है। यहाँ 13 साल की एक किशोरी को इमरान नाम के एक शख्स ने झाँसा देकर उत्तर प्रदेश भगा ले गया था। हालाँकि, हिंदू संगठनों के प्रयास के बाद पुलिस ने बच्ची 10 फरवरी 2024 को बरामद कर लिया। इस मामले में पुलिस FIR दर्ज करके मामले की जाँच कर रही है। वहीं, आरोपित इमरान फिलहाल फरार है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया