सिर्फ फोन खोजने के लिए छत्तीसगढ़ के फूड इंस्पेक्टर ने बाँध से निकलवाया 41 लाख लीटर पानी, सेल्फी लेते हुए डैम में गिरा था: शिकायत के बाद सस्पेंड

डैम (साभार: ANI)

छत्तीसगढ़ में सेल्फी लेने के दौरान एक सरकारी अधिकारी का मोबाइल पानी में गिर गया। उस मोबाइल को निकालने के लिए पूरे डैम को पानी को लगातार 4 दिनों तक निकाला गया। इस पानी से सैकड़ों एकड़ खेतों की सिंचाई हो सकती थी, लेकिन उसे बर्बाद कर दिया गया। अंत में मोबाइल मिल गया, लेकिन वह चल नहीं रहा है। इसकी जानकारी जैसे ही बड़े अधिकारियों को मिली उन्हें इस अधिकारी को सस्पेंड कर जाँच बैठा दी है।

मामला कांकेर जिले का है। कोयलीबेड़ा प्रखंड के फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास सोमवार (22 मई 2023) को अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने खेरकट्टा-परलकोट बाँध गए थे। वहाँ वे सेल्फी ले रही थे। इसी दौरान उनका महंगा मोबाइल डैम में गिर गया। डैम में लगभग 15 फुट गहरा पानी था। मोबाइल गिरने के बाद विश्वास ने स्थानीय मजदूरों को मोबाइल खोजने के लिए लगाया, लेकिन वह नहीं मिला।

इसके बाद फूड इंस्पेक्टर ने परे डैम से पानी निकालने का आदेश दिया। इसके बाद 30 हॉर्स पावर के तीन पंप लगाए गए और लगातार चार दिनों तक डैम से पानी निकाला जाता रहा है। इस दौरान डैम का 41 लाख लीटर (कहीं-कहीं मीडिया रिपोर्ट में 21 लाख लीटर कहा गया है) पानी निकालकर बर्बाद कर दिया गया। आखिरकार गुरुवार (25 मई 2023) की सुबह अधिकारी का महंगा फोन मिल गया। इस तरह एक मोबाइल के लिए अधिकारी ने सैकड़ों एकड़ की सिंचाई वाले पानी को बर्बाद कर दिया।

यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बन गई। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत की, जिसके बाद जल संसाधन विभाग के एसडीओ मौके में पहुँचे और पानी निकालने का काम बंद करवाया। तब तक 15 फुट गहरे पानी में से लगभग 10 फुट पानी निकाला जा चुका था।

इस पूरे घटना को लेकर विश्वास ने कहा, “मैंने SDO जलसंसाधन विभाग से बात की और उन्हें बताया कि 96000 की कीमत वाला मेरा सैमसंग एस सीरीज फोन बाँध में गिर गया है। मैंने उन्हें बताया कि बाँध का पानी किसी उद्देश्य के लिए नहीं था और फिर 5 फुट पानी कम किया।” हालाँकि, अधिकारियों का कहना है कि 10 फुट पानी निकाला गया है।

घटना की बारे में जानकारी को लेकर सिंचाई विभाग के एसडीओ आरएल धीवर ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी दी गई थी, लेकिन उनके द्वारा कुछ फुट पानी कम करने को कहा गया था। धिवर ने कहा कि फुड इंस्पेक्टर ने ज्यादा पानी निकाल दिया। इसकी जानकारी मिलते ही वे मौके पर पहुँचे और पानी निकलवाने का काम बंद करा दिया।

इस घटना की जानकारी मिलते ही कांकेर जिला की कलेक्टर ने मामले पर रिपोर्ट माँगी और विश्वास को निलंबित कर दिया। वहीं जल संसाधन विभाग के SDO धीवर द्वारा पानी की अनुमति देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बताते चलें कि पंखाजूर का परलकोट जलाशय जल संसाधन विभाग के अंतर्गत आता है।

इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सत्ताधारी कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “दाऊ (भूपेश बघेल) की तानाशाही में अधिकारी प्रदेश को पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं। आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं। पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है। वहीं अधिकारी अपने मोबाइल के लिए लाखों लीटर पानी बहा रहे हैं, इतने पानी में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी।”

वहीं, कॉन्ग्रेस के स्थानीय विधायक अनूप नाग ने कहा, “पखांजूर के एक खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास खेरकट्टा बाँध के पास पिकनिक मनाने गए थे। इस क्षेत्र में बहुत सारे किसान हैं। फोन और इसका डेटा महत्वपूर्ण है, लेकिन जनता के पानी का नुकसान अस्वीकार्य है। मैं चाहता हूँ कि कलेक्टर सख्त कार्रवाई करें।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया