राम मंदिर पर दहशत फैलाने के लिए ISIS स्टाइल में काट दिया गोसेवक का गला, छतीसगढ़ में UAPA के तहत FIR: कश्मीर से लौटा था अयाज खान

पुलिस की गिरफ्त में गोसेवक के हत्यारे (चित्र साभार: NDTV MP-CG)

गोसेवक साधराम यादव की हत्या के मामले में आरोपितों पर छत्तीसगढ़ में गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। कश्मीर से लौटने के बाद अयाज खान ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस्लामी आतंकी संगठन ISIS के स्टाइल में गोसेवक का गला रेत दिया था। ऐसा अयोध्या के राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा से पहले दहशत फैलाने के इरादे से किया गया था।

20 जनवरी 2024 को छत्तीसगढ़ के कवर्धा में लालपुर गाँव में अयाज, इदरीश, मेहताब और शेख रफीक समेत 6 ने मिलकर गोसेवक साधराम यादव (50) की ISIS आतंकियो की तरह गला रेत कर हत्या कर दी थी। राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी।

पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपितों पर UAPA की धारा 16 लगाई है। अयाज और इदरीश का आतंकी कनेक्शन भी सामने आया है। अयाज के कश्मीर जाने और इदरीश के संदिग्ध के लोगों से मिलने की जानकारी भी मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है राज्य में नक्सलियों के अलावा किसी मामले में पहली बार UAPA का उपयोग किया गया है।

आरोपितों ने साधराम यादव से पहले भी जान-बूझकर विवाद किया था और ‘सर तन से जुदा’ करके हत्या कर दी। उनकी हत्या के बाद कवर्धा में लोगों का गुस्सा भड़क उठा था। प्रशासन ने आरोपितों को पकड़ने के साथ ही इनके घरों पर बुलडोजर भी चलाया था।

पुलिस ने जाँच के बाद आरोपितों के खिलाफ UAPA की धारा भी जोड़ी है। कवर्धा के एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया है हत्या करने वाले आरोपितों में से अयाज का कश्मीर आना-जाना लगा रहता था, वहीं इदरीश के संदिग्ध लोगों से बात करने के सबूत मिले हैं।

उन्होंने बताया है कि अयाज खान को गिरफ्तार कर उसके मोबाइल की जाँच की गई तो उसके लगातार कई बार जम्मू-कश्मीर जाने की जानकारी सामने आई। जब छत्तीसगढ़ से टीम जम्मू-कश्मीर भेजी गई तो आतंकवादियों से कनेक्शन सामने आए। एक अन्य आरोपित इदरीश खान के संदिग्धों से बात करने सम्बंधित जानकारी मिली है।

उधर हिन्दू संगठन लगातार इस मामले में जल्दी कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। गोसेवक साधराम यादव की पत्नी ने हाल ही में सरकार से मिले ₹5 लाख का चेक भी लौटा दिया था। साधराम यादव की पत्नी ने कहा था कि उन्हें सहायता राशि नहीं, बल्कि हत्यारों पर कड़ी कार्रवाई चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया