‘अनिवार्य कार्यों’ के कारण चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने रद्द की अपनी विदेश यात्रा

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या की विवादित जमीन पर चली 40 दिन तक सुनवाई 16 अक्टूबर को खत्म हो चुकी है। उम्मीद है 17 नवंबर से पहले 5 जजों की संवैधानिक पीठ इस पर अपना फैसला सुना देगी। इसी बीच खबर आ रही है की चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने अपनी विदेश यात्रा को रद्द दिया है। इसकी वजह कुछ ‘अनिवार्य कार्य’ बताए जा रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई को कुछ आधिकारिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए विदेश जाना था। लेकिन कुछ ‘अनिवार्य कार्यों’ का हवाला देकर उन्होंने इस यात्रा को रद्द कर दिया।

खबर के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि अपनी रिटायरमेंट से पहले प्रधान न्यायाधीश कुछ दक्षिणी अमेरिकी देशों, मध्य-पूर्व और कुछ अन्य देशों की यात्रा पर जाने वाले थे, लेकिन अब उन्होंने इन यात्राओं को पूरा करने (Finalise) से पहले ही रद्द कर दिया। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश 17 नवंबर को अपने पद से रिटायर होने वाले हैं।

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उल्लेखनीय है कि सीजेआई रंजन गोगोई ने 3 अक्टूबर को भारत के 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। अपने पूरे कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। उनका ये कार्यकाल इसलिए भी ऐतिहासिक रहेगा क्योंकि उनकी सेवानिवृत्ति से पहले वो दशकों से ठंडे बस्ते में पड़े राम मंदिर मामले में अपना फैसला सुनाएँगे, इसकी उम्मीद है।

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बता दें कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने 40 दिनों तक अयोध्या मामले में लगातार सुनवाई की। अब कहा जा रहा है राम मंदिर और बाबरी मस्जिद वाली विवादित जमीन पर फैसला 4 नवंबर से 17 नवंबर के बीच में कभी भी आ सकता है क्योंकि चीफ जस्टिस 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया