अच्छी लड़की से शादी, नौकरी और 50000 रुपए नकद: लालच देकर 110 दलितों को धर्मांतरण के लिए चर्च ले जा रहे थे विलियम्स और मोरिस, कानपुर पुलिस ने दबोचा

कानपुर धर्मांतरण आरोपित (साभार: ABP)

उत्तर प्रदेश के कानपुर में धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। हिंदू धर्म के लगभग 110 महिला-पुरुषों को 2 बसों में भरकर उन्नाव के एक चर्च में ले जाया जा रहा था। इन लोगों को अच्छी शादी और 50,000 रुपए का झाँसा दिया गया था। धर्मांतरण सिंडिकेट से जुड़े दो लोगों- विलियम्स और दीपक मोरिस को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।

दरअसल, जिन बसों में भरकर हिंदू महिला-पुरुषों को धर्मांतरण के लिए ले जाया जा रहा था, उसकी भनक बजरंग दल के कार्यकर्ताओं लगी। उन्होंने कानपुर के थाना नवाबगंज के बोट क्लब के पास दो बसों को रुकवा लिया और लोगों से पूछताछ करने लगे। इस दौरान कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें लालच देकर धर्मांतरण के लिए उन्नाव ले जाया जा रहा है।

इसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को सूचना देकर बुला लिया। कहा जा रहा है कि इनमें 110 लोग सवार थे। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट में लोगों की संख्या 80 बताई जा रही है। ये सारे लोग गरीब एवं कमजोर वर्ग के हैं। पुलिस ने इन्हें बस उतार लिया और धर्मांतरण सिंडिकेट से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

ACP कर्नलगंज महेश कुमार ने बताया, “बजरंग दल ने शनिवार (30 मार्च 2024) की देर रात करीब 1 बजे सूचना दी कि नवाबगंज से 2 बसों से 110 से ज्यादा लोगों को धर्मांतरण के लिए ले जाया जा रहा है। उन्नाव की एक चर्च में उनका धर्मांतरण होना है। पुलिस ने गंगा बैराज पर बैरिकेडिंग लगाकर चेकिंग शुरू कर दी। इन दोनों बसों को पुलिस ने चेकिंग में रोक लिया।”

उन्होंने बताया, “बस में सवार लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि इन्हें कानपुर के नवाबगंज, अर्मापुर, कोहना से लाया गया है। उन्नाव की एक चर्च में ले जाया जा रहा है। देर रात उन्नाव की चर्च में धर्मांतरण समारोह का आयोजन किया गया है।” उन्होंने बताया के ये सारे लोग कमजोर तबके के हैं। धर्मांतरण से जुड़े पूरे सिंडिकेट का खुलासा किया जाएगा।

ACP ने बताया कि इन बसों को नवाबगंज थाने लाया गया। धर्मांतरण कराने वाले बस में सवार ईसाई समाज के विलियम्स और दीपक मोरिस को अरेस्ट कर लिया गया है। विलियम्स आवास विकास कल्याणपुर में और दीपक विष्णुपुरी नवाबगंज में रहता है। इन पर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 के तहत FIR दर्ज की है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।

उधर, बजरंग दल के कार्यकर्ता कृष्णा तिवारी ने आरोप लगाया है कि नवाबगंज थाना प्रभारी दीनानाथ मिश्रा ने आरोपियों को थाने से छोड़ दिया। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, देर रात ईसाई समाज के लोगों ने थाने पर हंगामा किया था। हंगामा और बवाल के बाद नवाबगंज थाने की पुलिस दोनों को थाने से IPC की धारा-41 का नोटिस देकर छोड़ दिया।

दरअसल, अर्मापुर के रहने वाले संजय वाल्मीकि ने तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई है। संजय ने बताया, “मैं बिल्सी बदायूँ का रहने वाला हूँ। नोयल विलियम्स और दीपक मोरिस ने मुझको और परिवार से कहा कि अगर तुम ईसाई बन जाओ। हमारे प्रभु की पूजा करोगे तो तुम्हारी सारी परेशानियाँ दूर हो जाएँगी। इन लोगों ने मेरी पत्नी को बहका दिया है। अब वह मेरे साथ नहीं रहना चाहती है।”

संजय ने आगे कहा, “ये लोग दबाव बना रहे हैं कि अगर तुम ईसाई अपना लोगे तब तुम्हारी पत्नी और बच्चे तुम्हारे पास आएँगे। तुम्हें हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हटानी होंगी। हमारा धर्म अपनाते ही चर्च तुम्हें 40 से 50 हजार रुपए देगा। इतना ही नहीं नौकरी और इलाज के लिए भी रुपए देगा। चर्च के पादरी की ओर से जो तुम्हें होली वाटर दिया जाएगा। उसे आंखों में लगाओगे तो यीशू की नेमत बरसेगी।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया