कॉमर्स ग्रेजुएट ईशा ने पति और बच्चे को छोड़ा, 6वीं फेल साइबर फ्रॉड मुस्ताक आलम के साथ करने लगी ठगी: ₹5 करोड़ भेजा पाकिस्तान, गिरफ्तार

ईशा जायसवाल और मुश्ताक आलम गिरफ्तार (फोटो: ईटीवी भारत)

बिहार की रहने वाली ईशा कॉमर्स ग्रेजुएट है। उसकी शादी नेपाल में हुई थी। डेढ़ साल का बच्चा है, जिसे वो अपने मायके में छोड़ चुकी है। पति को भी वो छोड़ चुकी है और पटना में 6वीं कक्षा फेल साइबर फ्रॉड मुश्ताक आलम (मीडिया रिपोर्ट्स में नेश्ताक भी बताया जा रहा है) के साथ मिलकर ठगी करने लगी और उसी के साथ रहने लगी। अब बिहार पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है। ईशा इंस्टाग्राम पर रील्स भी बनाती थी और रील्स के जरिए ही मुश्ताक आलम के संपर्क में आई थी।

ईशा जायसवाल मोतिहारी की रहने वाली है। उसने बी.कॉम तक पढ़ाई की है। साल 2020 में उसकी शादी हुई थी, लेकिन पति को छोड़ दिया और बच्चे के साथ मायके आ गई। यहाँ से वो दिल्ली चली गई और फिर पटना को अपना ठिकाना बना लिया। मुश्ताक आलम के साथ मिलकर वो ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगी थी और अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

पाकिस्तान भेजते थे रुपए

ईशा और मुश्ताक के पास से 5 करोड़ रुपए पाकिस्तान भेजने का मनी ट्रेल मिला है। दोनों ठगी के पैसों का 10% हिस्सा बतौर कमीशन रख लेते थे और बाकी पैसों को पाकिस्तान भेज देते थे। पुलिस को दोनों के पास से 5 करोड़ की मनी ट्रेल मिली है, जो पाकिस्तान तक जा रही है। पुलिस अब इनकी कुंडली खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि ये जामताड़ा से लेकर भोपाल और मुंबई तक के साइबर फ्रॉड्स के साथ मिलकर काम करते थे।

कटिहार पुलिस के साइबर सेल के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सद्दाम हुसैन ने कहा कि वे तकनीकी निगरानी के जरिए साइबर जालसाजों पर नजर रख रहे हैं। साइबर पुलिस स्टेशन के हेड ने बताया कि पूछताछ के दौरान दोनों ने पड़ोसी देश से सीधे संपर्क की बात कबूल की है। उन्होंने बताया, “वे मुल्तान, पाकिस्तान से ऑडियो और वीडियो कॉल के जरिए ये धोखाधड़ी की वारदातें अंजाम देते थे। उन्होंने एक दर्जन से ज्यादा पाकिस्तानी बैंक पासबुक की जानकारी भी दी है।” पिछले 5 महीनों में उन्होंने सीडीएम (कैश डिपॉज़िट मशीन) और हवाला के ज़रिए पाकिस्तानी साइबर अपराधियों को अब तक लगभग 5 करोड़ रुपए भेज चुके हैं। पुलिस ने इनके पास से 16 एटीएम कार्ड, 6 मोबाइल और 6 सिम बरामद किए हैं।

ऐसे देते थे ठगी को अंजाम

ईशा एटीएम मशीन पर पहुँचे लोगों का कार्ड बदलने में माहिर हो गई थी। इसके बाद दोनों मिलकर पैसों की हेरफेर करते। कटिहार पुलिस सूत्रों के अनुसार ईशा और नेस्ताक (मुस्ताक) एक साल से अधिक समय से साथ रह रहे थे। इस दौरान मुस्ताक ने ईशा को एटीएम फ्रॉड का एक्सपर्ट बना दिया। ईशा एटीएम लाइन में खड़ी रहती थी और अनजान एटीएम उपयोगकर्ताओं की मदद करने के बहाने ग्राहकों के एटीएम कार्ड बदल लेती थी और बाद में असली कार्ड से ट्रांजेक्शन कर लेती थी। वह जरूरत पड़ने पर फोन करके किसी न किसी बहाने से लोगों को ठगती भी थी। 

गौरतलब है कि बिहार के चंपारण जिले में जौकटिया, लाल सरैया और रामनगर बनकट जैसी कुछ पंचायतें जाँच एजेंसियों के रडार पर हैं क्योंकि इन इलाकों के युवा साइबर अपराध में शामिल होने के लिए कुख्यात हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ईडी, आईटी और एनआईए ने इन इलाकों में कई जगहों पर छापेमारी की है। साइबर ठगी करने वाले ज्यादातर लोग जौकटिया से ही गिरफ्तार किए गए हैं। बेतिया पुलिस सूत्रों के अनुसार, जौकटिया से 50 से ज्यादा युवाओं को गिरफ्तार किया गया है। 

पुलिस के अनुसार, गाँव के करीब 700 से 1000 युवा साइबर अपराध में संलिप्त हैं। 24 वर्षीय मुश्ताक जौकटिया पुराना टोला का रहने वाला है। चार साल पहले छठी फेल आलम बेतिया में इलेक्ट्रीशियन का काम करता था, तभी वह अपने गाँव में साइबर अपराधियों के संपर्क में आया। उनके जरिए उसने पाकिस्तानी नेटवर्क से संपर्क बनाया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया