कॉन्ग्रेस के बैंक खातों पर जारी रहेगी आयकर विभाग की कार्रवाई: पार्टी की याचिका को न्यायाधिकरण ने किया खारिज

राहुल गाँधी (चित्र साभार: MoneyControl)

बैंक खातों को लेकर कॉन्ग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (Income Tax Appellate Tribunal – ITAT) ने कॉन्ग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें पार्टी ने अपने बैंक खातों के खिलाफ विभाग की कार्रवाई रोकने की माँग की थी। कॉन्ग्रेस ने आयकर विभाग पर पार्टी के बैंक खाते से 65 करोड़ रुपए निकालने का आरोप लगाया है।

दरअसल, आयकर विभाग ने कॉन्ग्रेस पार्टी के बैंक खातों को सीज कर दिया था। इसके बाद पार्टी को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश के बाद खाते को जब डीफ्रिज किया गया तो कॉन्ग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके खाते से 65 करोड़ रुपए काट लिए गए हैं।

वहीं, आयकर विभाग का कहना है कि कॉन्ग्रेस पार्टी पर 115 करोड़ रुपए का कर बकाया था। वहीं, कॉन्ग्रेस ने कहा कि टैक्स रिटर्न का मामला इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल में लंबित है। कॉन्ग्रेस ने आरोप लगाया कि आयकर विभाग ने गैर लोकतांत्रिक तरीके से 20 फरवरी 2024 को उसके खाते से पैसे निकाल लिए।

याचिका खारिज होने के बाद शुक्रवार (8 मार्च 2024) को कॉन्ग्रेस के वकील विवेक तन्खा ने ट्रिब्यूनल से अगले 10 दिनों तक इस आदेश को स्थगित रखे जाने की अपील की, ताकि वह दिल्ली हाई कोर्ट जा सके। हालाँकि, न्यायाधिकरण ने इस पर कहा कि उसे इस तरह का फैसला देने का अधिकार नहीं है।

इससे पहले 16 फरवरी 2024 को कॉन्ग्रेस ने आयकर विभाग पर बैंक अकाउंट फ्रीज करने का आरोप लगाया था। कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा था कि इनकम टैक्स ने यूथ कॉन्ग्रेस और कॉन्ग्रेस पार्टी से 210 करोड़ रुपए की रिकवरी मांँगी है। इसके कुछ घंटों बाद इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कॉन्ग्रेस के फ्रीज अकाउंट पर लगी रोक हटा दी थी।

माकन ने कहा था, “हमें जानकारी मिली थी कि बैंकों को हम जो चेक भेज रहे थे, उनका निपटारा नहीं हो पा रहा था। जाँच करने पर पता चला कि यूथ कॉन्ग्रेस का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है। इसके साथ ही कॉन्ग्रेस पार्टी के खाते भी बंद होने की बात सामने आई। कुल चार अकाउंट फ्रीज किए गए हैं। आयकर विभाग की तरफ से बैंकों को यह निर्देश दिया गया है कि हमारे कोई भी चेक स्वीकार न करें और हमारे खातों में जो भी राशि है उसे रिकवरी के लिए रखा जाए।”

दरअसल, साल 2019-19 में कॉन्ग्रेस ने नियत तारीख से 15-20 दिन देर से रिटर्न भरा था। यह चुनावी वर्ष था। इसके साथ ही इस साल पार्टी के 199 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसमें से 14 लाख 40 हजार रुपए पार्टी के सांसद और विधायकों ने अपने वेतन का हिस्सा नकद में जमा करवाया था। नकद पैसा आने की वजह से आयकर विभाग ने कॉन्ग्रेस पर 210 करोड़ रुपए की पैनल्टी लगा दी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया