श्रीराम मंदिर में गौशाला और वेद पाठशाला भी, गर्भगृह की सुरक्षा CRPF की महिला कमांडो के जिम्मे: अरबपति से लेकर उच्च अधिकारी तक अयोध्या में कर रहे श्रमदान

रामजन्मभूमि पर बन रहे मंदिर में अरबपति उद्योगपति कर रहे है श्रमदान

लगभग 5 सदी तक चले जमीनी और कानूनी संघर्ष के बाद आखिरकार अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा उनकी जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने जा रही है। मुगल काल से मुलायम काल तक हुए अनगिनत बलिदान के बाद बन रहे निर्माणाधीन भव्य मंदिर के दिसंबर 2025 तक पूर्ण होने की उम्मीद है।

ऑपइंडिया की टीम ने निर्माणाधीन राम मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया। हमने पाया कि निर्माणाधीन मंदिर के अंदर यज्ञशाला और वेदशाला का भी निर्माण किया जा रहा है। साथ ही यहाँ अरबपति व्यापारी और उच्च अधिकारी भी वॉलेंटियर के तौर पर काम करते दिखे।

24 घंटे चल रहा है काम

ऑपइंडिया ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में पाया कि मंदिर के गर्भगृह से लेकर बाउंड्री तक को बनाने के लिए श्रमिक 24 घंटे काम कर रहे हैं। आधुनिक तकनीक वाली बड़ी-बड़ी आधुनिक मशीनों की घरघराहट हरदम सुनाई देती है। काम कर रहे श्रमिक कई शिफ्टों में अदला-बदली करते हैं। ये श्रमिक देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं।

ऑपइंडिया की टीम से बात वहाँ श्रमदान कर रहे कुछ लोगों से भी बात की। उन्होंने कहा कि वो धन्य हैं, क्योंकि उनको भगवान राम का मंदिर बनाने जैसे पावन काम के लिए चुना गया है। उन श्रमिकों ने बताया कि उनके रहने और खाने के लिए अच्छे प्रबंध किए गए हैं।

बारी खत्म कर के शिविर में जाते श्रमिक

अरबपति उद्योगपति भी कर रहे श्रमदान

इस दौरान हमने पाया कि कई प्रतिष्ठित परिवारों के सदस्य, बड़े उद्योगपति, विभिन्न क्षेत्रों की बड़ी हस्तियाँ और प्राइवेट कंपनियों के बड़े अधिकारी भी वहाँ वॉलेंटियर के तौर पर काम कर रहे हैं। इनमें से कई ऐसे भी वॉलेंटियर हैं, जो जगुआर और BMW जैसी कारों में अयोध्या आए हैं और स्टार कैटेगरी के होटलों में रुके हैं।

इन लोगों ने हमें ऑफ़ कैमरा बताया कि उनके परिवार के अन्य सदस्य भी श्रमदान करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि श्रमदान से मिली मजदूरी भी वो श्रीराम मंदिर में दान करेंगे और उसकी रसीद को प्रसाद के रूप में अपने साथ ले जा रहे हैं।

चल रहा मंदिर निर्माण कार्य जिसमें श्रमदान करते कई उद्योगपति और अधिकारी

महिला सुरक्षाकर्मी कर रही हैं गर्भगृह की रखवाली

निर्माणाधीन राममंदिर की सुरक्षा पूरी तरह से चाक चौबंद हैं। प्रथम चरण UP पुलिस से शुरू होता है। उसके बाद PAC और SSF जवानों से होते हुए अंत में गर्भगृह के आसपास सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय रिजर्व पुलिस फ़ोर्स (CRPF) दिया गया है। वर्तमान में यहाँ CRPF की बटालियन नंबर 233 तैनात है।

रामलला के दर्शन करने के मुख्य स्थान की सुरक्षा CRPF की महिला बटालियन के जिम्मे है। यहाँ महिला कमांडो को स्वचलित हथियारों से हरदम चौकन्ना देखा जा सकता है। हालाँकि, उनके साथ सहयोग करने के लिए यूपी पुलिस के सुरक्षाकर्मी भी तैनात हैं।

राम मंदिर की सुरक्षा अभेद्य बनाने के लिए योगी सरकार द्वारा अयोध्या में UP पुलिस की स्पेशल टास्क फ़ोर्स (STF) और आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) की यूनिटें भी स्थापित की गई हैं। इन यूनिटों में तैनात उच्च प्रशिक्षित पुलिसकर्मी न सिर्फ मंदिर परिसर, बल्कि आसपास के इलाकों में भी सादी वर्दी में गश्त करते रहते हैं।

मंदिर परिसर में म्यूजियम, वेद पाठशाला, गौशाला और भी बहुत कुछ

भगवान राम के निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में उनकी मूर्ति के अलावा परिसर में कई अन्य महत्वपूर्ण स्थलों का निर्माण करवाया जा रहा है। इन स्थलों में हवन और पूजापाठ के लिए यज्ञशाला, विद्यार्थियों के लिए वेद पाठशाला और गौ संरक्षण के लिए गौशाला शामिल हैं। इसके अलावा कैम्पस में अनुष्ठान मंडप, सत्संग भवन, म्यूजिम और 360 डिग्री का एक थिएटर भी बनाया जा रहा है।

यहाँ आने वाले श्रद्धालु पुस्तकालय, म्यूजियम और थिएटर के माध्यम से भगवान राम के साथ-साथ उनके जीवन चरित के बारे में विस्तार से जान पाएँगे। संत निवास और यात्रियों की सुविधा के लिए अलग-अलग भवन बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, यहाँ एक गेस्ट हाउस भी होगा। इन्हीं भवनों के पास पुस्तकालय और रिसर्च सेंटर भी मौजूद होगा।

इसके अतिरिक्त मंदिर परिवार में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऑफिस और उसका प्रशासनिक भवन मौजूद होगा। एक कोने में शौचालय आदि की भी व्यवस्था होगी। मंदिर परिसर के कई हिस्सों में सुरक्षा चेक पोस्ट बनाए जाएँगे, जहाँ तैनात सुरक्षाकर्मी चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे। इन सुरक्षाकर्मियों में पुरुष और महिला दोनों शामिल रहेंगे। मंदिर परिसर में ही अग्निशमन की टीम भी मौजूद होगी।

परिंदा भी नहीं मार पाएगा पर

सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर को 5 जोन में बाँटा गया है। इनके नाम आइसोलेशन, रेड, येलो, ब्लू और ग्रीन जोन हैं। हर जोन में पर्याप्त सुरक्षाबल तैनात रहेंगे। ये सुरक्षा बल राज्य व केंद्र के मिलाकर होंगे। मंदिर की नदी से सटी बॉउंड्री के पास भी स्टीमरों और नावों पर सशस्त्र सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएँगे। निगरानी के लिए सभी संवेदनशील जगहों पर आधुनिक सुरक्षा उपकरण लगाए जा रहे हैं।

मंदिर से सटे पूरे इलाके की CCTV से निगरानी की जाएगी। यहाँ आने-जाने वाहनों के नंबर लगातार स्कैन किए जाएँगे। सुरक्षाबलों के अलावा पूरे क्षेत्र को आर्म फ्री जोन घोषित किया जाएगा। इसका अर्थ है कि यहाँ तैनात सुरक्षाबलों के जवानों के अलावा किसी भी व्यक्ति को कोई भी हथियार लेकर आने की इजाजत नहीं होगी।

खुदाई से मिले अवशेष आज भी परिसर में मौजूद

बाहरी चरमपंथी आक्रमणों के अलावा भगवान राम की जन्मभूमि को लम्बे समय तक अदालती आदेशों के अधीन रहना पड़ा था। अदालत के ही आदेश पर मंदिर परिसर की कई बार खुदाई करवाई गई। इस खुदाई में मिले साक्ष्यों ने रामजन्मभूमि का फैसला हिन्दुओं के पक्ष में आने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

इसके साथ ही उन सबूतों ने उस जगह को मस्जिद बताने वालों को दुनिया के आगे झूठा भी साबित किया था। आज भी खुदाई से मिले तमाम अवशेषों में से कई मंदिर के उस स्थान पर रखे गए हैं, जहाँ वर्तमान में हिन्दू समाज के लोग एक अस्थाई जगह पर भगवान राम का दर्शन कर रहे हैं।

खुदाई में मिला शिवलिंग,शिलाएँ और अन्य वस्तुएँ

मंदिर परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच एक लोहे के पिंजरे में सहेज कर रखे गए इन अवशेषों में लगभग 5 फ़ीट लम्बा शिवलिंग सबसे बड़ा आकर्षण है। इस शिवलिंग पर जल गिराने के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।

इसके अलावा खुदाई में मिले खंभों पर हिन्दू संस्कृति की कलाकृतियाँ साफ़ देखी जा सकती हैं। वहाँ कुछ मूर्तियाँ भी रखी गई हैं, जो देवी-देवताओं के प्रतीक मानी जा रही हैं। इन कलाकृतियों से अनुमान लगाया जा सकता है कि प्राचीन समय में हिन्दू संस्कृति काफी उन्नत थी।

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।