घर में घुस सिपाही ने किया रेप, बचाने आए देवर को भी पीटा: दलित महिला का राजस्थान पुलिस पर आरोप

राजस्थान में दलित महिला से रेप (प्रतीकात्मक तस्वीर)

राजस्थान में खाकी एक बार फिर दागदार हुई है। वहाँ फिर एक पुलिसकर्मी ने दलित महिला के साथ रेप किया है। पीड़िता का कहना है कि पुलिसकर्मी ने घर में घुसकर उसका बलात्कार किया। महिला गिड़गिड़ाती रही लेकिन पुलिसवाले ने कहा कि अगर वह कुछ बोलेगी तो वह उसके परिवार को जान से मार देगा। बाद में घरवालों ने ही उस सिपाही को पकड़ कर पीटा और अस्पताल में भर्ती करने लायक हालत कर दी। आरोपित के ख़िलाफ़ एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है। आरोपित की भी गिरफ्तारी हो गई है।

आजतक की रिपोर्ट बताती है कि पीड़िता ने पुलिस को जानकारी दी कि उसका पति मजदूरी करने गया था, तभी पुलिसकर्मी श्रवण कुमार घर में घुसा और उसके साथ बलात्कार कर दिया। इसके बाद उसे धमकी भी दी कि अगर किसी को इस बारे में पता चला तो पूरे परिवार को जेल में डाल दिया जाएगा।

पीड़िता के अनुसार जब श्रवण जाने लगा तो वो बहुत तेज चिल्लाई और उसकी आवाज सुनकर देवर कमरे में आ गया। देवर को देखा तो पुलिस वाले ने उसे गला पकड़कर मारने की कोशिश की। उसके बाद घर के अन्य लोगों ने वहीं पर सिपाही को धर लिया और जमकर पीटा। पीड़िता कहती है कि उसे न्याय दिलाया जाए।

बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि इस केस को रेप, एससी-एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस कॉन्सटेबल को सस्पेंड करके उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है। सिपाही ने भी क्रॉस मुकदमा करवाया है। उसके मुताबिक महिला ने पहले इशारा किया था और जब वो गया तो उसे पिटवाया, कपड़े उतरवाए और वीडियो बना लिया।

बता दें कि दो साल पहले राजस्थान के चूरू जिले में सरदारशहर पुलिस स्टेशन के निलंबित पुलिस निरीक्षक के अलावा आठ पुलिसवालों के खिलाफ रेप का आरोप लगा था। तब, चार बच्चों की माँ व 35 वर्षीय दलित महिला ने आरोप लगाया था कि 9 पुलिसकर्मियों ने उसका गैंगरेप किया।

पीड़ित महिला का आरोप था कि पुलिस ने चोरी के एक मामले में उसके देवर को 6 जुलाई को पकड़ा था। पुलिसवालों ने महिला के देवर को हिरासत में इतना प्रताड़ित किया कि उसकी मौत हो गई थी। महिला का कहना था कि उसके देवर को अवैध तरीके से थाने में हिरासत में रखा गया और बलात्कार किया गया। अधिकारियों ने महिला के देवर की हिरासत के मौत मामले में न्यायिक जाँच के आदेश दिए थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया