दिल्ली HC में कपिल मिश्रा की गिरफ़्तारी को लेकर चर्चा, भरी अदालत में चलाया गया Video

कपिल मिश्रा का विडियो हाईकोर्ट में चलाया गया

हाई कोर्ट में बुधवार (फरवरी 26, 2020) को दिल्ली में भड़की हिंसा को लेकर सुनवाई हुई। हरीश मंदर ने उच्चतम अदालत से दरख्वास्त की थी कि नार्थ-ईस्ट दिल्ली में लगातार हो रही हिंसा की जाँच के लिए एक स्वतंत्र कमिटी गठित की जाए। जस्टिस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह ने इस मामले की सुनवाई की। इस मामले में कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उपस्थित हुए। उन्होंने बताया कि उन्हें दिल्ली के एलजी ने इस मामले में अदालत में उपस्थित होने के लिए आदेश दिया है। हालाँकि, याचिकाकर्ता के वकील राहुल मेहरा ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की सलाह लिए बिना एलजी ऐसे किसी को पक्ष रखने के लिए नहीं कह सकते।

कोर्ट में शाहीन बाग़ को खाली कराने को लेकर भी एक याचिका लंबित है। मेहता ने इस सम्बन्ध में जजों को याद दिलाया। इसके बाद कोर्ट में कपिल मिश्रा के बयान का मुद्दा आया। आरोप लगा कि भाजपा नेता बयान देकर हिंसा को भड़का रहे हैं। हालाँकि, एसजी तुषार मेहता ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा बयान देने के बाद उन्हें गिरफ़्तार करने की कोई जल्दी नहीं है, क्योंकि अभी इस विषय में जाँच होनी बाकी है। जस्टिस मुरलीधर ने बताया कि याचिकाकर्ता इस मामले में त्वरित आदेश की अपेक्षा रखते हैं, इसीलिए इस पर अभी सुनवाई होना आवश्यक है।

एसजी तुषार मेहता का कहना था कि ये मामला उतना भी अर्जेन्ट नहीं हुआ है कि सभी पक्षों को सुने बिना कोई आदेश जारी कर दिया जाए। उन्होंने भारत सरकार को भी इसमें एक पक्ष बनाने की अपील की और अपने सबमिशन के लिए एक दिन का समय माँगा। लेकिन, जस्टिस मुरलीधर ने पूछा कि क्या आरोपितों के विरुद्ध त्वरित रूप से एफआईआर दर्ज करना अर्जेन्ट मुद्दा नहीं है? उन्होंने कहा कि स्थिति काफ़ी भयावह हो गई है और एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि वो इस मामले के सभी बिंदुओं से परिचित नहीं हैं और इसलिए 1 दिन का समय चाहते हैं।

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जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि कई ऐसे विडियो सर्कुलेट हो रहे हैं, जिन्हें सैकड़ों लोगों ने देखा है। उन्होंने मेहता से पूछा कि क्या इन सबके बावजूद उन्हें नहीं लगता कि ये अर्जेन्ट मैटर है? एसजी ने बताया कि उन्होंने ऐसी कोई विडियो नहीं देखी है। कोर्ट में पुलिस की तरफ़ से उपस्थित अधिकारी से जस्टिस मुरलीधर ने पूछा कि क्या उन्होंने वो विडियो देखे हैं? अधिकारी ने बताया कि उन्होंने 2 विडियो देखे हैं, लेकिन कपिल मिश्रा ने बयान वाला विडियो नहीं देखा है।

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इस जवाब के बाद जस्टिस मुरलीधर ने पुलिस अधिकारी से निराशा जताते हुए पूछा कि आपके दफ्तर में इतने सारे टीवी हैं, आपने कैसे कपिल मिश्रा का विडियो नहीं देखा है? मुरलीधर ने कहा कि वो पुलिस की स्थिति से चकित हैं। तत्पश्चात उन्होंने कोर्ट में कपिल मिश्रा के बयान वाला विडियो चलाने का आदेश दिया। पुलिस अधिकारी ने पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा के साथ खड़े सब-इंस्पेक्टर की पहचान की। इस बयान का ट्रांसक्रिप्ट एसजी मेहता को दिया गया। इसके बाद कोर्ट की सुनवाई दोपहर 2:30 तक स्थगित कर दी गई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया