2003 में एक फिल्म आई थी। नाम था गंगाजल। 5 मार्च 2020 को दिल्ली की एक अदालत में कुछ ऐसा हुआ लगा जैसे गंगाजल के दृश्य फिल्माए जा रहे हों। दरअसल, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के सरगना ताहिर हुसैन को जिस तरह दबोचा गया वह इस फिल्म की कहानी से मिलती-जुलती है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राऊज एवेन्यू कोर्ट की पार्किंग से AAP के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को उस समय पकड़ा, जब वह अपने वकील के साथ पार्किग में मास्क लगाए पहुँचा।
उसे अंदाजा नहीं था कि क्राइम ब्रांच की टीम सादी वर्दी में उसका इंतजार कर रही है। फिल्म गंगाजल में भी अपराधी सुंदर यादव बुर्का पहनकर कोर्ट में सरेंडर करने जाता है और एसपी अमित कुमार का किरदार निभाने वाले अजय देवगन के नेतृत्व में पुलिस टीम साडी वर्दी में पहले से ही उसे दबोचने के लिए फिल्डिंग लगाए बैठी रहती है। ठीक इसी तरह की तैयारी ताहिर हुसैन को दबोचने के लिए की गई थी। फर्क सिर्फ इतना था कि ताहिर ने बुर्के की जगह अपने चेहरे को मास्क से ढक रखा था।
बता दें कि ताहिर हुसैन पर आइबी कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा की हत्या में शामिल होने के साथ-साथ, हिंसा भड़काने, साजिश रचने समेत कई अन्य मामले दर्ज किए गए हैं। ताहिर हुसैन अपने वकील के साथ राऊज एवेन्यू कोर्ट में सरेंडर करने के लिए पहुँचा था, लेकिन पहले से वहाँ मौजूद दिल्ली पुलिस के विशेष जाँच दल ने गिरफ्तार कर लिया।
करीब 40 पुलिसकर्मियों ने गुरुवार सुबह 9 बजे से ही कोर्ट में घेराबंदी कर ली थी। वे अलग-अलग वेशभूषा में मौजूद थे। कोई छोले-कुलचे वाले के पास ग्राहक बनकर खड़ा था तो कोई पार्किंग अटेंडेंट बनकर। कोई चायवाला बना था तो कोई टाइप राइटर रखकर मुंशी का वेश बनाए था। कई पुलिसवाले वकील बने घूम रहे थे। जैसे ही ताहिर पार्किंग में पहुँचा, पुलिस ने उसे धर-दबोचा।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज होने के बाद ताहिर पार्किंग में पहुँचा था। लेकिन पुलिस को चकमा नहीं दे पाया। इससे पहले उसके वकील मुकेश कालिया ने गुरुवार (मार्च 5, 2020) सुबह ही अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विशाल आहूजा के पास सरेंडर के लिए आवेदन किया था। मुकेश कालिया ने कोर्ट को कहा था कि ताहिर रास्ते में हैं और कुछ ही देर में राऊज एवेन्यू कोर्ट में सरेंडर कर देगा।
ताहिर दंगों में अपना नाम सामने आने के बाद से ही फरार था। इस बीच उसकी संलिप्तता की गवाही देते कई विडियो सामने आए। चश्मदीदों के अनुसार उसकी इमारत में करीब तीन हजार दंगाई जमा थे। वहॉं से हिंदुओं को निशाना बना पत्थरबाजी हुई। पेट्रोल बम फेंके गए। गोलियॉं चलाई गई। उसकी इमारत से पत्थरों और पेट्रोल बम का जखीरा बरामद किया गया था। शुरुआत में आप ने उसका बचाव करने की कोशिश की। लेकिन, जब एक के बाद एक सबूत सामने आते गए तो निलंबित कर पार्टी ने उससे पल्ला झाड़ने की कोशिश की।
ताहिर हुसैन को शुक्रवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में जज के घर पेश किया गया, जहाँ से उसे 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया। वहीं दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का कहना है, “घटना वाले दिन ताहिर हुसैन ने सबसे ज्यादा और लगातार जिन लोगों के साथ बात की थी, एसआईटी ने शुक्रवार को उन 15 लोगों की पहचान कर ली। यह बातचीत मोबाइल के जरिए हुई। ताहिर ने इन सबसे उसी दिन इतनी ज्यादा देर तक क्यों और क्या लंबी बातचीत की? इसका खुलासा नहीं हो सका है।”
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का कहना है कि मुस्तफाबाद में तीन से चार लोगों ने ताहिर हुसैन की मदद की थी। क्राइम ब्रांच की राडार पर अब ये चारों लोग हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही इन चारों लोगों को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।