रामलीला मैदान में नहीं होगी मुस्लिम महापंचायत, हाई कोर्ट का इजाजत देने से इनकार: माना पोस्टर ‘सांप्रदायिक’, पुरानी दिल्ली में बढ़ सकता तनाव

मुस्लिम महापंचायत की इजाजत देने से दिल्ली हाई कोर्ट का इनकार (प्रतीकात्मक फोटो)

दिल्ली के रामलीला मैदान में 29 अक्टूबर 2023 को ‘ऑल इंडिया मुस्लिम महापंचायत’ नहीं होगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने आयोजन की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। माना है कि आयोजन के जो पोस्टर हैं, उसे देखकर यह ‘सांप्रदायिक’ लगता है। साथ ही इससे पुरानी दिल्ली में तनाव बढ़ने की आशंका भी जताई है।

इससे पहले दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम ने भी इसकी इजाजत देने से इनकार किया था। इसके खिलाफ ‘मिशन सेव कॉन्स्टीट्यूशन’ नाम की संस्था ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस संस्था का राष्ट्रीय संयोजक वकील महमूद प्राचा है। इस संस्था का दावा है कि वह जनता खासकर दलितों के बीच संवैधानिक अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए काम करती है।

लेकिन प्राचा की पहचान उसके हिंदू विरोधी बयानों से है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिंदुवादी संगठनों के खिलाफ जहर उगलता रहता है। कुछ महीने पहले ही उसने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिलने वालों को गद्दार बताया था।

हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि दिल्ली पुलिस ने ‘मनमाने तरीके से कार्यक्रम को सांप्रदायिक’ बताते हुए अनुमति रद्द कर ही। लेकिन 25 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली पुलिस के फैसले को बरकरार रखा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के पोस्टर को देखकर दिल्ली पुलिस के फैसले को मनमाना नहीं माना जा सकता।

हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस की आपत्तियों को नजरअंदाज कर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता। अदालत ने यह भी कहा कि श्राद्ध के अंत से लेकर दिवाली तक का समय हिन्दुओं के लिए महत्वपूर्ण होता है और यह पोस्टर दिखाते हैं कि इनसे मजहबी तनाव हो सकता है।

हालाँकि, हाई कोर्ट ने कहा है कि त्योहारों के बाद वह फिर से एक नई याचिका पर सुनवाई कर सकती है। इसके लिए आयोजकों को कार्यक्रम में बोलने वाले लोगों के विषय में बताना होगा। इसके पश्चात ही अनुमति देने पर विचार किया जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया