जिसने कारगिल युद्ध में गँवाए दोनों हाथ, उसकी भतीजी थी निक्की: डाटा केबल से गला घोंटा, 35 किमी लाश लेकर घूमता रहा साहिल

पीछा छुड़ाने के लिए साहिल ने कार में डेटा केबल से घोंट दिया निक्की का गला (फोटो एएनआई/ट्विटर)

दिल्ली के निक्की मर्डर मामले में मुख्य आरोपित ने गुनाह कबूल कर लिया है। आरोपित साहिल की शादी की बात सुनकर उसकी लिव-इन पार्टनर निक्की ने उस पर शादी तोड़ने का दबाव बनाया था। इसको लेकर दोनों के बीच बहस हुई थी। इसके बाद साहिल ने निक्की की हत्या की प्लानिंग की।

साहिल ने निक्की को घूमाने के बहाने अपने कार में बैठाया और 9-10 फरवरी की रात उसने रास्ते में निक्की की हत्या कर दी। हत्या के बाद लाश को 35 किलोमीटर लेकर घूमता रहा था साहिल। अंत में उसने लाश को नजफगढ़ स्थित अपने ढाबे में छिपा दिया। उधर, निक्की के पिता सुनील यादव लगातार कोशिश के बाद भी अपनी बेटी से संपर्क नहीं कर पा रहे थे।

सुनील यादव अपने दोस्तों से पता करते हुए आरोपित साहिल के घर तक पहुँचे थे। वहाँ भी उन्हें अपनी बेटी का सुराग नहीं मिला। इसके बाद निक्की के पिता सुनील ने दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच में अपने दोस्त से मदद माँगी। इसके बाद निक्की की लाश साहिल के ढाबे से बरामद की गई।

पूछताछ में साहिल ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी घरवालों ने कहीं और तय कर दी थी, लेकिन निक्की चाहती थी कि वह यह शादी तोड़ दे। इसके लिए निक्की ने साहिल को मनाने की भी कोशिश की। हालाँकि, साहिल इसके लिए तैयार नहीं हुआ। इसके बाद दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ।

सगाई के बाद 9 फरवरी की रात साहिल ने निक्की को घूमाने के बहाने अपने कार में बैठाया और कश्मीरी गेट की तरफ निकल गया। कार में भी शादी को लेकर निक्की और साहिल के बीच बहस भी हुई। निक्की ने साहिल से कहा था कि परिवार द्वारा तय रिश्ता तोड़कर मुझसे शादी उससे शादी कर ले। अगर इतना नहीं कर सकते तो साहिल उसके साथ जान दे दे।

साहिल इनमें से कुछ भी मानने को तैयार नहीं था। साहिल ने निक्की को रास्ते से हटाने के लिए गाड़ी में रखे मोबाइल डेटा केबल से गला घोंट कर हत्या कर दी। हत्या के बाद निक्की की लाश को बगल की सीट पर रखकर वह नजफगढ़ पहुँचा। जहाँ उसने लाश को फ्रिज में छिपा दिया। अगले दिन 10 फरवरी को साहिल ने घरवालों की पसंद की लड़की से शादी कर ली।

इधर बेटी से संपर्क नहीं हो पाने के कारण पिता सुनील परेशान थे। पिता ने निक्की की सहेली को फोन किया। निक्की की दोस्त ने उन्हें साहिल के बारे में जानकारी दी। साहिल ने उनसे कहा कि निक्की छुट्टियाँ मनाने मसूरी गई है। हालाँकि सुनील नहीं माने और आरोपित के घर पहुँच गए। आरोपित के घरवालों ने मदद का भरोसा देकर उन्हें घर भेज दिया।

बेटी की गुमशुदगी से चिंतित पिता ने क्राइम ब्रांच में काम करने वाले अपने एक दोस्त से मदद माँगी। निक्की का नंबर सर्विलांस पर लगाया गया, जिसके बाद उन्हें नजफगढ़ के मित्रांव गाँव के पास स्थित एक ढाबे का लोकेशन मिला। यहीं, से निक्की की लाश बरामद हुई। इस तरह हत्या के चार दिन बाद 14 फरवरी को निक्की मर्डर केस का खुलासा हुआ।

पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल सफेद कार को भी बरामद कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपित साहिल ने अपना गुनाह कबूल लिया है। दिल्ली पुलिस ने आरोपित साहिल के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 के तहत मामला दर्ज किया है। निक्की के पिता ने सुनील ने आरोपित को फाँसी की सजा देने की माँग की है।

निक्की के चाचा प्रवीण यादव कारगिल युद्ध में लड़े थे। पाकिस्तान के साथ हुई जंग में उन्होंने अपने दोनों हाथ गंवा दिए थे। इसके अलावा, उनकी दाईं टांग भी ठीक से काम नहीं करती है। इसके कारण उन्हें चलने में परेशानी होती है। अपनी भतीजी की मौत पर वे बेहद दुखी हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया