‘दिल्ली पुलिस ने जलती होलिका को पानी डाल कर बुझा दिया, रोती रही हिन्दू महिलाएँ’: DCP ने आरोपों को नकारा

दिल्ली पुलिस पर महिलाओं ने लगाए होलिका बुझाने के आरोप (फोटो साभार: सुदर्शन न्यूज़)

दिल्ली में पुलिस पर आरोप लगा है कि उसने होलिका दहन के समय जलती आग को बुझा दिया। हालाँकि, पुलिस ने ऐसे किसी भी आरोप को नकार दिया है। सोशल मीडिया पर दावे के समर्थन में वीडियो भी वायरल हो रहा है। विश्व हिन्दू परिषद ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। विहिप ने पूछा कि होलिका दहन के पारंपरिक उत्सव को भंग कर पानी डाला जाना हिंदुओं की सहिष्णुता की परीक्षा तो नहीं?

संगठन ने सवाल दागा कि क्या किसी और धर्म के साथ ऐसा करने का सोचा भी जा सकता है? विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी इस मामले का वीडियो शेयर कर के आरोप लगाए। बंसल ने कहा, “जलती होलिका को पानी से बुझाया जाना बेहद पीड़ादायक है। राजधानी दिल्ली में हिन्दू आस्था के साथ इस घोर अपमान पर अबिलम्ब कार्रवाई जरूरी है। शांत व सभ्य समाज की सहिष्णुता की परीक्षा उचित नहीं।”

https://twitter.com/vinod_bansal/status/1376814023069499393?ref_src=twsrc%5Etfw

उन्होंने दिल्ली पुलिस से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की माँग की। ये घटना दिल्ली की जगतपुरी की बताई जा रही है। आरोप है कि दिल्ली पुलिस के जवानों ने आकर जलती होलिका को बुझा दिया और हाथों में पूजा की थाल लिए महिलाएँ वहाँ खड़ी रोती रहीं। ये इलाका DCP शाहदरा के अंतर्गत आता है। वीडियो में वहाँ खड़ी महिलाएँ भी दिल्ली पुलिस का विरोध करती नज़र आ रही है। पुलिस ने इन आरोपों को नकार दिया है।

https://twitter.com/DCP_SHAHDARA/status/1376747530814324747?ref_src=twsrc%5Etfw

‘सुदर्शन न्यूज़’ के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके ने भी इस वीडियो को शेयर किया, जिसका DCP ने जवाब देते हुए लिखा, “पुलिस ने जलती होलिका पर पानी नहीं डाला व इस मामले में किसी को हिरासत में नहीं लिया गया। पुलिस के खिलाफ आरोप गलत है। दिल्ली सरकार द्वारा दी गयी कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन कराया जा रहा था।” चव्हाणके ने 2 हिन्दुओं को हिरासत में लिए जाने का आरोप भी लगाया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया