दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की छात्रा से छेड़छाड़ (Sexual molestation) के मामले में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की है। छात्रा की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ दिल्ली के वसंतकुंज नॉर्थ थाने में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ इंडियन पीनल कोड की धारा 354 और 509 के तहत कार्रवाई की है।
मामले में दिल्ली पुलिस ने एक ट्वीट के जरिए कहा, “वसंतकुंज नॉर्थ में जेएनयू की तीसरे वर्ष की छात्रा से छेड़छाड़ की शिकायत के बाद U / S 354 A / 509 आईपीसी के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। आरोपित पीड़िता का सहपाठी है, इसे जाँच में शामिल किया गया है। आगे की जाँच जारी है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, छात्राओं के एक समूह ने दावा किया है कि छात्रा ने एक बयान में कहा था कि आरोपित ने उसे गलत तरीके से छुआ और बिना उसकी मर्जी के पीछे से जबरदस्ती पकड़ा। वो इस तरह की हरकतें लगातार कर रहा है। वहीं शिकायतकर्ता छात्रा का कहना है कि उसे पता चला है कि आरोपित ने उसे बदनाम करने की कोशिश की है। हालाँकि, ये जानकारी उसे उसके की क्लासमेट्स के जरिए पता चली।
गौरतलब है कि इससे पहले ABVP ने आरोपित का नाम प्रसन्ना राज बताया था। एक बयान जारी कर एबीवीपी ने कहा था कि इस घटना को लेकर पीड़िता ने आईशी घोष से मदद माँगी थी, लेकिन घोष ने बड़ी ही चालाकी के साथ पीड़िता को ICC से शिकायत करने से रोकते हुए उसे गैर-मौजूदा GSCASH से संपर्क करने को कहा।
छात्र संगठन ने दावा किया था कि आरोपित प्रसन्ना वामपंथियों के स्टूडेंट विंग ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिशन (AISA) का ही सदस्य है। जिसे सीनियर कॉमरेड बचाने में जुट गए हैं। इसी कारण से अब तक किसी भी वामपंथी ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है। ABVP के मुताबिक, AISA के लोगों के खिलाफ सेक्सुअल असॉल्ट के इतने मामले सामने आ चुके हैं कि अगर इन्हें AISA का नाम बदलकर ‘ऑल इंडिया सेक्शुअल असॉल्टर्स’ भी कर दिया जाए तो किसी तरह की आतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए।