दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में बताया मुस्लिम दंगाइयों ने काटकर आग में फेंक दिया था दिलबर नेगी को, CCTV तोड़ दिए थे

दिल्ली दंगों के पीछे बड़ी साजिश (फाइल फोटो)

दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार (जून 04, 2020) को पाँचवीं चार्जशीट कड़कड़डूमा कोर्ट में दायर कर दी है। पुलिस ने दिलबर नेगी की हत्या के मामले में 12 लोगों को आरोपित बताया है। पुलिस ने अदालत को बताया कि गत फरवरी में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मुस्लिम भीड़ ने हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाते हुए उसकी मिठाई-दुकान के अंदर एक व्यक्ति (दिलबर नेगी) को जिंदा जला दिया गया था।

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क्राइम ब्रांच ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ऋचा परिहार के समक्ष चार्जशीट दायर की है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 18 जून की तारीख तय की है। वो सभी आरोपित फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं, जिन पर हत्या, दंगा, धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं।

इस चार्जशीट के अनुसार, मुस्लिम समुदाय की एक भीड़ ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बृजपुरी पुलिया की तरफ से आई और हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाते हुए दंगा करना शुरू कर दिया और 24 फरवरी की देर रात तक उनमें आगजनी करती रही।

पुलिस ने कहा कि भीड़ ने अनिल स्वीट्स नाम की एक दुकान में आग लगा दी थी, जहाँ से पुलिस ने 26 फरवरी को दिलबर नेगी का शव बरामद किया था। हत्या के वक्त नेगी लंच और आराम करने के लिए दुकान के गोदाम में गया था, जहाँ उसे दंगाइयों ने काटकर आग में झोंक दिया था।

उल्लेखनीय है कि जिस दिन उत्तराखंड के निवासी दिलबर नेगी के साथ यह क्रूर हादसा हुआ, उसी समय वहाँ मौजूद दंगाइयों की भीड़ से किसी तरह भाग निकलने में सफल रहे उसके साथियों ने जीटीबी अस्पताल से ऑपइंडिया से सम्पर्क कर इस बारे में विस्तृत रूप से बताया था।

दिलबर सिंह नेगी उत्तराखंड के पौड़ी जिले स्थित थलीसैण ब्लॉक से सम्बन्ध रखते थे। उनके करीबी श्याम सिंह ने ऑपइंडिया को बताया कि 23 फ़रवरी की शाम कुछ दंगाई शाहदरा इलाके में शोर मचाते हुए घुसे। दंगाइयों ने नेगी को अपना पहला निशाना बनाया। उनके हाथ-पैर काट दिए। फिर पास की दुकान में लगी आग में झोंक दिया।

इस घटना को देख वहाँ के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। अपनों के बीच चीख-पुकार शुरू हो गई। दहशत में लोग अपनी जान बचाकर भागे। फ़ोन पर ऑपइंडिया के साथ बातचीत में भी दिलबर के परिजन बेहद डरे लग रहे थे। उन्होंने बताया कि वे अभी भी GTB अस्पताल में मौजूद हैं और दिलबर की बॉडी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

दिलबर नेगी के शरीर की राख अनिल स्वीट्स के गोदाम से बरामद हुई थी। जिसमें स्पष्ट देखा जा सकता था कि बिना हाथ और पैरों का शरीर राख के ढेर में तब्दील हो चुका था।

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उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान समुदाय विशेष की भीड़ के निशाने पर दूसरे समुदाय की संपत्ति थी। दंगाइयों की भीड़ ने देर रात तक उत्पात मचाते हुए शिव विहार तिराहे के आसपास की एक समुदाय के लोगों की संपत्तियों में तोड़-फोड़ करने के साथ आगजनी की थी।

क्राइम ब्रांच के आरोप पत्र के मुताबिक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की शुरुआत कर्दमपुरी, मौजपुर और चाँद बाग में हुई थी। इसके बाद दंगाईयों की भीड़ उत्तर-पूर्वी जिले के विभिन्न इलाकों में और उसके बाद डीआरपी स्कूल और राजधानी पब्लिक स्कूल के पास शिव विहार तिराहा पर पहुँची थी। दोपहर बाद लगभग तीन बजे बृजपुरी पुलिया की तरफ से समुदाय विशेष के लोगों की भीड़ आ गई और दंगा शुरू कर दिया। दंगाई भीड़ ने देर रात तक उत्पात मचाया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया