कॉन्ग्रेस सांसद के ठिकाने से अब तक ₹300 करोड़ बरामद: अब 12 मशीनों से हो रही गिनती, 2 दिन और लगेंगे… आखिर क्यों नहीं मिला ₹2000 का नोट?

धीरज साहू (बाएँ) के ठिकानों से ₹2000 का एक भी नोट नहीं बरामद हुआ (चित्र साभार: India Today & Dhiraj Sahu/FB)

झारखंड से कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर बुधवार से चल रही आयकर विभाग की छापेमारी में अब तक ₹300 करोड़ की नकद बरामदगी हो चुकी है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अभी नोटों की गिनती चल रही है और यह आँकड़ा ₹500 करोड़ के पार भी जा सकता है। नोटों की गिनती पूरी होने में 2 दिन और लग सकते हैं।

बताया जा रहा है कि धीरज साहू के ओडिसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल स्थित ठिकानों से इतना नकद पैसा मिला है कि उसकी गिनती करना आयकर विभाग को मुश्किल हो रहा है। इन नोटों की गिनती के लिए आयकर विभाग को हैदराबाद और भुवनेश्वर से अतिरिक्त मशीने मँगानी पड़ी हैं। 6 छोटी और 6 बड़ी मशीनों की मदद से इन नोटों को गिना जा रहा है।

नोटों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि इसे गिनते-गिनते अब तक कई मशीनें खराब हो चुकी हैं। बाकी मशीनें भी लगातार गिनती के कारण गर्म हो जा रही हैं। कुछ लोगों ने यह भी दावा किया है कि अब तक की गिनती से मात्र 35% नोट ही गिने जा सके हैं और जब तक यह गिनती 100% होगी, तब तक आँकड़ा कहीं ऊपर पहुँच चुका होगा।

धीरज साहू की ओडिशा के बोलांगीर में स्थित बौध डिस्टलरीज में आयकर विभाग ने यह नकद बरामदगी की है। ओडिशा के संबलपुर, बोकारो और रांची तथा कोलकाता से भी बड़ी मात्रा में पैसा मिला है। हालाँकि इस मामले में अब प्रश्न भी उठने लगे हैं। धीरज साहू के ठिकानों से बरामद यह धनराशि ₹500, ₹200 और इससे छोटे नोटों में है। इस पूरी बरामदगी में एक भी ₹2,000 का नोट नहीं निकला है।

इसी कारण से प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या रिजर्व बैंक के ₹2,000 के नोट को चलन से बाहर करने के निर्णय के आते ही यहाँ पहले से मौजूद नकद को बदलना चालू कर दिया गया था या फिर यह सारा नकद पैसा बीते कुछ ही माह में एकत्रित किया गया है, जब बाजार में ₹2,000 के नोट आरबीआई ने भेजने बंद कर दिए थे?

भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई 2023 को एक आदेश जारी करके कहा था कि वह ₹2,000 के नोट को चलन से बाहर कर रहे हैं। इसके बाद पूरे देश में जिन लोगों के पास ₹2,000 के नोट थे, वह बैंकों में इन्हें जमा करवाते दिखे थे। 30 नवम्बर 2023 तक चलन में शामिल 97% नोट मतलब ₹2,000 के नोट वापस आ चुके थे।

इसके अलावा यदि नोट बदले भी गए तो इतनी बड़ी धनराशि को किस स्रोत से बदला गया और क्या इसमें बैंकिंग क्षेत्र के लोग भी शामिल थे? इसके अलावा जो भी धनराशि बरामद की गई है वह किस स्रोत से अर्जित की गई है? चूंकि यह धनराशि उनकी उनके शराब कारोबार की फैक्ट्री पर मिली है, ऐसे में प्रश्न उठ रहे हैं कि कहीं फैक्ट्री से ही तो अवैध तरीके से शराब बड़ी मात्रा नहीं बेची जा रही थी, जिससे यह अर्जित की गई?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बोलांगीर से बरामद यह धनराशि 157 बैग में मिली है। इस धनराशि को लोहे की अलमारियों में भर कर रखा गया था। इसे गिनने के लिए ट्रक पर लादकर पहले जिले के स्टेट बैंक ले जाया गया और फिर गिनती चालू हुई। अभी तक बड़ी मात्रा में बैग नहीं गिने जा सके हैं।

धीरज साहू कौन? घोषित सम्पत्ति कितनी उनकी?

शराब समेत कई धंधों में लिप्त कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू झारखंड के लोहरदगा के मूल निवासी हैं। उन्होंने वर्ष 2018 में राज्यसभा चुनाव के लिए पर्चा भरते समय जो शपथपत्र दिया था, उसमें उन्होंने, अपनी सम्पत्ति ₹34 करोड़ बताई थी। इसके अलावा उन्होंने खुद पर ₹2 करोड़ के कर्ज का दावा किया था।

धीरज साहू लम्बे समय से कॉन्ग्रेस से जुड़े रहे हैं। वह 2009, 2010 और 2018 में कॉन्ग्रेस से राज्यसभा की सदस्यता पा चुके हैं। उन्होंने झारखंड के चतरा से कॉन्ग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन इसमें उन्हें हार का मुँह देखना पड़ा था। धीरज साहू झारखंड के प्रभावशाली परिवार से आते हैं।

उनके भाई शिव प्रसाद साहू झारखंड की राजधानी राँची से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। धीरज साहू की जिन कम्पनियों पर आयकर विभाग का छापा पड़ा है वह शराब, ईंट, चावल और अन्य धंधों से जुड़ी हुई हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया