करणी सेना अध्यक्ष को मारने के बाद किराए की कार से भागे थे हत्यारे, ड्राइवर आया सामने: कहा- गोगामेड़ी मर्डर का वीडियो देख पता चली सच्चाई

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (साभार: ABP)

राजस्थान की राजधानी जयपुर में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह की गोगामेड़ी की हत्या में एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। गोगामेड़ी के हत्यारों को अपनी अपनी कार से सुजानगढ़ पहुँचाने वाले ड्राइवर ने इस घटना के बारे में जानकारी दी है। उसने बताया कि किस तरह वे उसकी गाड़ी में बैठकर भागे थे।

घटना के बारे में जानकारी देते हुए संदिग्धों को अपनी कार से छोड़ने वाले ड्राइवर योगेश शर्मा ने कहा, “मैं अस्पताल गया हुआ था। मेरे पर एक लड़के का कॉल आया, जो मेरे ही साथ रहता है। उसे इस घटना (गोगामेड़ी की हत्या) के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसने कॉल करके कहा कि दो सवारी छोड़नी है सुजानगढ़ तो मैंने बोला कि ठीक है छोड़ दूँगा। वहाँ गए तो वे पीछे वाली (कार की) सीट पर बैठ गए। एक और था। एक लड़का पीछे बैठ गया और एक आगे। मैंने बोला कि आप दोनों चल लो, नाइट का टाइम है। आपने कॉल किया तो साथ में चल चलो, सेफ्टी रहेगी। हम चल दिए।”

शर्मा ने आगे बताया, “इसके बाद उन्होंने लाडनू पुलिया के पास के पेट्रोल पंप पर हमें 1500 रुपए दे दिए। वहाँ से तेल डलवा करके हम सुजानगढ़ की ओर रवाना हो गए। रास्ते में वो बोले हमें सलासर छोड़ दो… हिसार छोड़ दो…. तो हम बोले कि भइया एक बार बताओ की जाना कहाँ है। तो वो बोला कि हमें हिसार छोड़ दो। तो मैंने बोला कि हिसार के ज्यादा पैसे लगते हैं तो बोला कि 10 हजार… 15 हजार… 20 हजार लग जाएँ, हमें कोई दिक्कत नहीं है। हमें हिसार छोड़ दो। तो मैंने बोला कि हमारे घर वाले अलाउ नहीं करते हैं 10 बजे रात के बाद में। तो वो बोले कि ठीक है फिर सुजानगढ़ की ओर चलो, वहाँ से कोई साधन देखते हैं।”

घटना के बारे में आगे बताते हुए कार ड्राइवर योगेश शर्मा ने कहा, “हम बोले कि भइया ट्रेन में चले जाओ तो वो बोले कि हम ट्रेन में नहीं जाएँगे। हम बस में जाएँगे या टैक्सी में जाएँगे आराम से। तो उनको फिर एक बस दिख गई सुजानगढ़ बस स्टैंड पर। वहाँ उन्होंने गाड़ी रुकवा ली और वहीं वे बस के कंडक्टर से बात करने लगे कि हमें हिसार जाना है। तो कंडक्टर बोला कि हिसार नहीं जाएँगे तो वे धरवाड़ जैसा ही कुछ बात करने लग गए।”

उनके गंतव्य तक जाने को लेकर ड्राइवर ने कहा, “उन्होंने ऐसा कोई आभास नहीं होने दिया कि वे इतना बड़ा अपराध करके आए हैं। वे नॉर्मली और फ्रेंडली बात करते जा रहे थे। वे हरियाणवी में बात कर रहे थे। मैंने पूछा भी कि भइया इधर किस लिए आए हो। वे थोड़ी देर बात किए और फिर चुपचाप बैठ गए। फिर हम भी नॉर्मल होकर गाड़ी चलाने लग गए। जैसे ही हम लाडनूँ के पास आ गए तो वे बार-बार बोलने लगे कभी सालासर, कभी सुजानगढ़, कभी हिसार… फिर हमने वहीं सुजानगढ़ में ड्रॉप कर दिया।”

अपराध में बारे में बता चलने पर ड्राइवर ने बताया, “दूसरे दिन पता चला। हमें बताया गया कि आज मार्केट बंद है। आज किसी की हत्या हुई है। न्यूज देखा तो लगा कि ये तो रात वाले लड़के हैं, जिनको ड्रॉप किया था। फिर मैंने अपने घर पर बताई थी सारी घटना। फिर मैंने अपने एक अंकल को फोन करके पूछा कि क्या करना चाहिए तो उन्होंने बताया कि पुलिस की हेल्प करनी चाहिए थाने में जाकर। फिर वहाँ जाकर CI साहब को पूरी घटना बताई थी। जब मैं जा रहा था कि उस दोस्त मुझे रास्ते में मिल गया, जिसने मुझे कॉल किया था। मैं वहाँ खड़ा था तो पुलिस की गाड़ी आई और हम दोनों को एसपी ऑफिस ले गई।”

इस घटना में शामिल शूटरों की पहचान राजस्थान पुलिस ने रोहित मकराणा और नितिन फौजी के रूप में की है। जिस तीसरे व्यक्ति को हमलावर बताया जा रहा है, उसका नाम नवीन शेखावत है। हालाँकि, सामने आए वीडियो में दिख रहा है कि नवीन शेखावत हमलावरों को पकड़ने की कोशिश करता दिख रहा है, लेकिन हमलावरों ने उसे भी गोली मार दी थी।

इस मामले में लापरवाही के आरोप में SHO सहित दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। गोगामेड़ी की हत्या की हत्या के बाद अभी भी इलाके में तनाव में है। करणी सेना ने न्याय की माँग की है। गोगामेड़ी की हत्यारों का एनकाउंटर करने की माँग लगातार बढ़ रही है।

उधर, गोगामेड़ी की बेटी उर्वशी ने कहा कि वह और उनका परिवार डरने वाला नहीं है। पिता के मौत के बाद अब वह करणी सेना की कमान संभालेंगी। उर्वशी ने कहा कि अब चारों तरफ पुलिस ही पुलिस दिख रही है और उनके पिता ने सुरक्षा की माँग थी तो उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई। पंजाब पुलिस ने राजस्थान की पुलिस को एक अलर्ट भेजा था, जिसमें गोगामेड़ी की जान को खतरा बताया गया था। बता दें कि प्रदेश के डीजीपी उमेश मिश्रा ने एक इंटरव्यू में कहा है कि सबको सुरक्षा नहीं दी जा सकती।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया